
नई दिल्ली ।। नियामक सेबी ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाते हुए सुब्रत रॉय पर नया संकट खड़ा कर दिया हैं। बाजार नियामक का कहना है कि सहारा समूह की एक कम्पनी ने नियमों का पालन न करते हुए निवेशकों से 14 हजार करोड़ रुपए जमा कराए हैं। इसके साथ सेबी ने कंपनी और सुब्रत रॉय सहित उसके तत्कालीन निदेशकों को सख्त आदेश दिया है कि निवेशकों से ली गई राशि 15 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ वापस करनी होगी।
होगी बड़ी कार्रवाई
अगर कंपनी और सुब्रत रॉय सहित उसके तत्कालीन निदेशकों द्वारा निवेशकों को 14 हजार करोड़ के साथ 15 प्रतिशत सालाना ब्याज नहीं दिया तो सेबी द्वारा कंपनी और सुब्रत रॉय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती हैं। इसके साथ ही सेबी ने अपने आदेश में समूह की कंपनी सहारा इंडिया कमर्शल लिमिटेड (एसआईसीसीएल), उसके तत्कालीन निदेशकों और संबद्ध इकाइयों को बाजार या किसी भी अन्य सार्वजनिक इकाई से धन जुटाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
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कम्पनी के पास कोई सबूत नहीं
सहारा इंडिया कमर्शल लिमिटेड के मामले में सेबी का कहना है कि एसआईसीसीएल कम्पनी 18 करोड़ रुपए छोड़कर शेष रकम वह पहले ही निवेशकों को लौटा चुकी है। कंपनी के मुताबिक, बॉन्ड धारकों द्वारा संपर्क न किए जाने के कारण इस राशि को वापस नहीं किया जा सका है।
सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से चल रहा विवाद
इसके साथ ही बाजार नियामक का कहना है कि कंपनी बैंकिंग माध्यम से रकम वापस करने का कोई सबूत उसके सामने पेश नहीं कर पाई है। इसलिए सेबी ने नया आदेश जारी करते हुए कहा कि सहारा समूह की दो अन्य कंपनियों के 24 हजार करोड़ से अधिक की राशि लौटाने के उसके आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से विवाद चल रहा है।
फोटो- फाइल
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