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लखनऊ ।। यूपी में पिछड़ा, अति पिछड़ा और अति दलितों को आरक्षण का मुद्दा एक फिर से तूल पकड़ता जा रहा है। जब तक सपा-बसपा इस मुद्दे को आगे बढ़ाते, इन मतदाता को लुभाने के लिये यूपी के सीएम योगी पहले ही अलग से आरक्षण दिये जाने की घोषणा कर दी है।
BJP ने भले ही सालों बाद आरक्षण का दांव सबसे पहले चल दिया हो, लेकिन अब समाजवादी पार्टी भी इस मुद्दे को पूरी ताकत से उठाने में जुट गई है।
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बुधवार को पिछड़ों और दलितों के आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानपरिषद में जमकर हंगामा हुआ। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भाजपा को आरक्षण विरोधी करार देते आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया।
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सदन में सपा सदस्य राजपाल कश्यप ने कहा कि योगी सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को मिलने वाला आरक्षण खत्म करने की साजिश रच रही है। यही कारण है कि यूपी में अब तक पिछड़ों और दलितों की आवाज सुनने वाले आयोगों को गठित नहीं किया गया है।
प्रश्नकाल के बाद सपा सदस्य डॉ राजपाल कश्यप ने कहा कि 15 फीसदी जनरल आबादी सरकारी संस्थाओं के 85 फीसदी पदों पर कब्जा जमाये बैठी है। न्यायपालिका में भी कुछ परिवारों के लोग ही जज बन रहे हैं।
फोटोः फाइल
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