दलित छात्र दिलीप की हत्या का मुख्य आरोपी फरार, क्या योगी सरकार करवाएगी एनकाउंटर

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इलाहाबाद।। प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद सरकार की तरफ से बिगड़ती जा रही कानून-व्यवस्था को देखते हुए कड़े कदम उठाये जाने की बात कही जा रही थी। इस समय प्रदेश भर से अपराधियों के समूल नाश का बीड़ा उत्तर प्रदेश पुलिस ने उठाया हुआ है और बड़े पैमाने पर हो एनकउंटरों में अपराधी मारे जा रहे हैं। हालाँकि इन मुठभेड़ों को लेकर यूपी पुलिस पर अब सवाल भी उठने लगे हैं। अभी हाल ही में नॉएडा में एक फर्जी मुठभेड़ की बात सामने आयी थी।

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जिसपर कार्यवाई करते हुए आरोपी दरोगा को जेल भेज दिया गया था। प्रदेश को अपराधमुक्त नहीं बल्कि अपराधियों से मुक्त बनाने की दिशा में आये दिन हो रहे इंकॉउंटरों के बीच अब ये सवाल भी उठने लगा है कि क्या योगी सरकार इलाहाबाद में दलित दिलीप की हत्या के आरोपियों का इनकाउंटर करेगी। मुख्य आरोपी विजय शंकर सिंह हत्या के बाद से फरार चल रहा है।

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दलित छात्र दिलीप सरोज की नृशंस हत्या ने सभी को हिलाकर रख दिया है। इसको लेकर जहाँ एक ओर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए उग्र हो गए वहीँ इलाहाबाद की पुलिस मीडिया में खबरें आने के बाद अब पूरी तरह से एक्टिव हो गयी है। अब पुलिस दिलीप हत्याकांड के मुख्य आरोपी विजय शंकर सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड पुलिस खंगाल रही है। SSP आकाश कुलहरि ने बताया कि विजय शंकर सिंह साल 2005 में हंडिया में हुये संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में भी आरोपित रहा है।

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विजय शंकर सिंह पर हत्या की साजिश रचने का आरोप था। वह सुल्तानपुर के पूर्व विधायक सोनू सिंह का करीबी व रिश्तेदार बताया जा रहा है। इस पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। हालाँकि संत ज्ञानेश्वर हत्याकांड में सभी आरोपित कोर्ट से बरी हो गए थे। पुलिस अब इस प्रकरण में सोनू सिंह से भी पूछताछ करेगी।

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पुलिस लाइन पहुंचे हत्यारोपित विजय शंकर के चालक रामदीन मौर्या ने बताया कि वह गाड़ी चलाने के साथ विजय के घर पर खाना बनाने का काम भी करता है। विजय शंकर की पत्नी सुल्तानपुर में टीचर हैं। वहीं उसके बच्चे शहर के मम्फोर्डगंज में रहते हैं। गाजीपुर से हर हफ्ते विजय शंकर इलाहाबाद आता था। उसके घर पर ज्ञान प्रकाश अवस्थी भी मिलने आता था। बीते शुक्रवार को विजय शंकर सिंह इलाहाबाद पहुंचा था। उसी रात तीनों लोग कालिका रेस्टोरेंट में भोजन करने गए थे।

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रामदीन ने बताया कि रेस्टोरेंट में जाते वक्त सीढ़ी पर बैठे छात्र दिलीप सरोज से किसी का पैर छू गया था। इसको लेकर विवाद हुआ। लेकिन मामला सुलझने के बाद तीनों रेस्टोरेंट के अंदर चले गये। थोड़ी देर बाद दिलीप अपने आठ साथियों के साथ अंदर पहुंचा और कुर्सियों से हमला कर दिया। इस दौरान कुर्सी से हुए हमले में रामदीन जख्मी हो गया और उसके पैर में चोट आ गई।

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CCTV फुटेज में भी दिख रहा है कि एक आदमी लंगड़ाता हुआ छात्र दिलीप को पीट रहा है। रेस्टोरेंट के बाद दिलीप को ईंट व डंडे से मारने वाला आरोपित रामदीन मौर्या ही है। आरोपित रामदीन मौर्या ने बताया कि पहले हमला करने वाले आरोपितों की उसने पिटाई की थी। लेकिन हमला उन्होंने पहले किया था।

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SSP आकाश कुलहरि ने बताया कि हत्या में इस्तेमाल लग्जरी कार रेलवे ठेकेदार विक्रम सिंह के नाम से है। विक्रम सिंह TTE विजय शंकर सिंह का साथी है। उसी की गाड़ी लेकर विजय शंकर रेस्टोरेंट गया था। पुलिस ने लग्जरी कार के साथ ज्ञान प्रकाश को पकड़ा है। ज्ञान प्रकाश अवस्थी प्रिंटिंग प्रेस चलाता है।

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इस पूरे प्रकरण में पुलिस की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है। रेस्टोरेंट में मारपीट के बाद विजय शंकर सिंह का चालक रामदीन के पैर में चोट लगी थी। विजय शंकर कार से रामदीन व ज्ञान प्रकाश को लेकर शहर के एक अस्पताल में इलाज कराने पहुंचा। वहीं पर रामदीन का प्राथमिक उपचार हुआ। इसके बाद ज्ञान प्रकाश कार लेकर चला गया। विजय अपने एक मित्र की स्कूटी से जख्मी रामदीन को लेकर कर्नलगंज थाने पहुंचा था। उसके साथ हाईकोर्ट का अधिवक्ता भी शामिल था। विजय शंकर चाह रहा था कि मारपीट का मुकदमा पहले वह दर्ज करा दे लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी। कर्नलगंज पुलिस से यहीं बड़ी चूक हो गई। अगर पुलिस सक्रिय होती तो आरोपित कर्नलगंज थाने में ही गिरफ्तार हो जाते।

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