यूपी किरण ब्यूरो
लखनऊ।। अखिलेश यादव सरकार में बेहद महत्वपूर्ण मंत्रालय संभालने वाले पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनकी जमानत को रद कर दिया है।
महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म तथा उसकी बच्ची के साथ अश्लील हरकत करने के मामले में पाक्सो में जेल में भेजे गए गायत्री प्रसाद प्रजापति को सेशन कोर्ट से जमानत मिली थी। जमानत मिलने के बाद वह बाहर भी नहीं आ पाए थे कि पुलिस ने उनके खिलाफ दो अन्य मामले दर्ज करने के साथ ही जमानत को भी चुनौती दी।
गायत्री के साथ जेल में बंद उनके दो साथी तो जमानत मिलने के बाद बाहर आ गए थे, लेकिन पुलिस ने गायत्री की 14 दिन की रिमांड ले ली थी। सेशन कोर्ट ने रेप के मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत दी थी। आज इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनकी जमानत पर रोक लगा दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बी. भोसले ने अपर सत्र न्यायाधीश के 25 अप्रैल को गायत्री प्रसाद प्रजापति तथा उनके दो अन्य साथियों विकास व पिंटू की जमानत पर रोक लगा दी है। अपर सत्र न्यायाधीश ओम प्रकाश मिश्रा ने इनको जमानत दी थी।
गायत्री प्रसाद प्रजापति तो फिलहाल जेल में हैं, जबकि पिंटू व विकास को भी फिर से जेल में भेजने का आदेश दिया गया है। हाई कोर्ट ने इस मामले को फिलहाल दो महीने बाद सुनने का भी निर्देश दिया है।
फोटोः फाइल
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