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लखनऊ ।। यूपी परिवहन निगम की एसी और वोल्वो बसों से चलने को लेकर मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सीट पर अब संकट के बादल मड़राने लगे हैं। इन बसों से यात्रा करने के लिए पत्रकारों को या तो खाली सीट होने तक का इंतजार करना पड़ेगा या उन्हें पैसा देकर सीट को रिजर्व करवानी पड़ेगी।

यह शासनादेश भले ही नहीं है, लेकिन अधिकारी इसका अनुपालन करवा रहे हैं। इस संदर्भ में आलमबाग की एआरएम श्वेता सिंह ने पुष्टि कर दी है। हालांकि उन्होंने पूरे मामले को कनफ्यूजन भरा बताया है। पत्रकारों ने जब हजरतगंज में यूपीएसआरटीसी के क्षेत्रिय प्रबंधक एके सिंह से हकीकत जाननी चाही तो वह ऑफिस से गायब मिले और फोन भी नहीं उठाया।

कोई शासना देश न जारी होने को लेकर परिवहन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि के रविंद नायक साहब का हाल ही में किसी पत्रकार से अनबन हो गई थी, इसके बाद उन्होंने मौखिक यह आदेश दे दिया है। हालांकि इसको लेकर पत्रकारों को तो परेशानी हो ही रही है, अधिकारी भी परेशान हैं।

परिवहन विभाग की इस मनमानी को लेकर जब विभाग के एमडी के रवींद्र नायक और प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला से बातचीत करने की कोशिश की गई, तो दोनों ही अधिकारियों ने फोन नहीं उठाए। यही नहीं इन्होंने एमएमएस का भी जवाब देना उचित नहीं समझा।

इसको लेकर मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन (तिवारी गुट) के अध्यक्ष हेमंत तिवारी और (मिश्रा गुट) प्रांशु मिश्र का कहना है कि इस मामले को वह चुनाव के बाद देखेंगे। दोनों ही गुट के पत्रकारों के नेताओं को इसकी जानकारी नहीं है। हालांकि समिति के उपाध्यक्ष मो. ताहिर ने इसको लेकर संघर्ष करने और के रविंद्र नायक को घेरने की बात कही है।

फोटोः फाइल।

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