img

उत्तराखंड में हल्द्वानी के गोरापड़ाव हरिपुर पूर्णांनंद में हाल ही में हुई खौफनाक वारदात के बाद रविवार को एक खनन कारोबारी चंचल सिंह राठौर ने घर पर लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली से उड़ा दिया। चंचल का भेजा छिटक गया। मकान की दीवार खून के छींटों सन गई। घर में लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरी घटना रिकॉर्ड हुई है। बता दें कि कुछ दिन पूर्व इसी कॉलोनी में पूनम हत्याकांड हुआ था, जिसका खुलासा पुलिस अब तक नहीं कर पाई है।

मूल रूप से बागेश्वर जिले के कमेड़ी देवी गांव निवासी चंचल सिंह राठौर (50) पुत्र जोगा सिंह ने रविवार की सुबह अपने घर पर सीसीटीवी कैमरा लगवाया। इस दौरान वहां पहुंचे पड़ोसी युवक से उन्होंने कहा कि वह उनके घर की देखरेख करता रहे। पड़ोसी युवक के चले जाने के बाद चंचल सिंह ने अपनी लाइसेंसी बंदूक निकाली और इसे लोड करने के बाद आंगन में तेज कदमों से चलते हुए खुद को गोली से उड़ा लिया। घटना के वक्त चंचल घर पर अकेले थे। परिवार के लोग आसपास गए हुए थे।

फायरिंग की आवाज सुनते ही परिवार और पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे। पत्नी आनंदी देवी, बेटा गोकुल सिंह राठौर और परिवार के अन्य सदस्य यह नजारा देख सन्न रह गए। सूचना पर कुछ ही देर में पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस ने बंदूक को कब्जे में ले लिया। छोटे भाई शेखर सिंह राठौर ने बताया कि चंचल तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। कई दिनों से वह डरे-डरे लग रहे थे। वह अक्सर कहते रहते थे कि कोई उन्हें मारना चाहता था। कई बार तो वह सीढ़ियों के बीच छिप जाते थे।

शेखर ने बताया कि डिप्रेशन दूर करने के लिए इलाज और झाड़फूंक तक कराया गया। चंचल के दो बेटे गोकुल और दीपक उर्फ बंटी है। गोकुल फौज में जम्मू-कश्मीर में तैनात है जबकि छोटा बेटा होटल मैनेजमेंट कर पुणे में जॉब करता है।  बड़ा बेटा गोकुल रक्षाबंधन पर छुट्टी लेकर आया था। घटना के समय बेटा और परिवार के अन्य सदस्य खेती के काम में व्यस्त थे। इसी कारण चंचल घर में रखी लाइसेंसी (सिंगल बैरल) निकालने में सफल हो गए।

--Advertisement--