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चारधाम यात्रा में ग्रीन कार्ड सॉफ्टवेयर संभागीय परिवहन विभाग के लिए मददगार साबित होगा। एनआईसी से लिंक इस सॉफ्टवेयर में ग्रीन कार्ड बनाने के दौरान चालक, गाड़ी से संबंधित सभी जानकारी अपलोड की जा रही है। ताकि विभाग के चेक पोस्टों पर एक क्लिक में सभी जानकारी मिल सके। 

अभी तक ग्रीन कार्ड का डाटा ऑफलाइन होने की वजह से चालक टैक्स की तिथि खत्म होने के बावजूद चारधाम यात्रा में चक्कर लगाते रहते थे। लेकिन डाटा ऑनलाइन होने पर अब वह ऐसा नहीं कर पाएंगे। साथ ही ग्रीन कार्ड धारकों का डाटा सुरक्षित रखने में भी विभाग को आसानी होगी।

आरटीओ सुधांशु गर्ग के मुताबिक इस यात्रा सीजन में 17 अप्रैल से देहरादून कार्यालय में अब तक 105 गाड़ियों के ग्रीन कार्ड बनाकर उनका डाटा सॉफ्टवेयर पर अपलोड कर लिया गया है। चेकिंग के दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर चालक और वाहन स्वामी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

यह होता है ग्रीन कार्ड
ग्रीन कार्ड एक प्रकार का सर्टिफिकेट है जो परिवहन विभाग चारधाम यात्रा पर जाने वाले व्यवसायिक वाहनों को जारी करता है। इसके लिए 13 सीट तक के वाहनों को 400 रुपये और 13 सीट से अधिक वाहनों को 600 रुपये फीस चुकानी पड़ती है। ग्रीन कार्ड की वैद्यता दो माह होती है। कार्ड जारी करने से पहले आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों में विभागीय अधिकारी गाड़ी की दशा, आरसी, फिटनेस, बीमा, प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र, टैक्स, चालक का डीएल, वर्दी आदि चेक करते हैं। 

छह अतिरिक्त चेक पोस्ट बने 
परिवहन विभाग की राज्यभर में करीब एक दर्जन चेक पोस्ट हैं, चारधाम यात्रा में इस बार परिवहन विभाग ने कोठाल गेट, तपोवन, डाम्टा, भद्रकाली, सोनप्रयाग, जोशीमठ में छह अतिरिक्त चेक पोस्ट बनाईं हैं। प्रत्येक चेक पोस्ट में विभाग के चार कर्मचारी गाड़ियों के कागजात चेक करेंगे। 

यात्रियों के लिए मांगीं बसें
परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड परिवहन निगम से 100 और कुमांऊ मोटर ऑनर यूनियन से भी करीब पचास बसें रिजर्व में रखने के लिए कहा है। यात्रा के पीक समय में इन गाड़ियों को चारधाम यात्रा मार्ग पर उतारा जाएगा।

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