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लखनऊ ।। मिर्जापुर के मझवां गांव की दलित छात्रा मोनिका से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अधिकारियों ने भले ही लैपटॉप वापस ले लिया है, लेकिन आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि यदि वह पात्र है तो समिति नया लैपटॉप देगी। इसके बाद भी दलित छात्राओं में यह संदेश गया है कि क्या अब हर दलित छात्रा से लैपटॉप वापस लिया जाएगा।

गौरतलब है कि छात्रा ने 2016 में हाईस्कूल की परीक्षा 83 प्रतिशत अंकों के साथ पास की है। हनुमत बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की लिस्ट में छात्रा का नाम आ गया था। इसके बाद अखिलेश सरकार की योजना के तहत उसे दिसंबर 2016 में लैपटॉप दिया गया।

छात्रा ने बताया कि पिछली 21 फरवरी को जिला विद्यालय निरीक्षक फूलचंद यादव का लिखित आदेश मिला। इसमें लैपटॉप महज इसलिए वापस करने को कहा गया कि उसका नाम जिला चयन समिति से निरस्त कर दिया गया है। इसके बाद छात्रा का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है। लैपटॉप वापस न करने पर पुलिस की मदद से उसका लैपटॉप वापस लेकर छात्रा को रिसीविंग कॉपी दे दी गई।

लैपटॉप वापस लिए जाने के बाद से बूढ़ी दादी की और पोती की आंख में आंसू निकलते देख गांव वाले भी सपा सरकार के अधिकारियों को कोस रहे हैं। इस मसले में बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार राज्य मंत्री कैलाश चौरसिया के प्रवक्ता डॉ. अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि इस मामले की जांच करवा कर छात्रा को न्याय दि‍लाया जाएगा।

फोटोः फाइल।

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