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यूपी किरण ब्यूरो

पटना।। जब से नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़कर NDA के साथ मिलकर सरकार बनाई है तब से बिहार के पूर्व CM तेजस्वी के निशाने पर हैं। तेजस्वी यादव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार पर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा, “नीतीश अपने ऊपर लगे हत्या के आरोपों पर चुप क्यों हैं? उनकी अन्तर्रात्मा की आवाज कहां गई ?” उन्होंने कहा- “मैंने जो सवाल विधानसभा में नीतीश जी से किए थे, उनका जवाब आज तक नहीं मिला है। कैबिनेट में 75 फीसदी दागियों को जगह क्यों दी गई?”

तेजस्वी पर बेनामी प्रॉपर्टी और रेलवे टेंडर स्कैम में केस दर्ज होने के बाद बीजेपी लगातार तेजस्वी के इस्तीफे की डिमांड कर रही थी। इसके बाद नीतीश ने 26 जुलाई को इस्तीफा दे दिया था। राजद-कांग्रेस के महागठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश ने एनडीए के सहयोग से बिहार में सरकार बना ली।

तेजस्वी ने किए नीतीश कुमार से किये ये 10 सवाल…

1) तेजस्वी ने कहा, “क्या जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले नीतीश कुमार पनामा पेपर लीक केस में नाम आने वाले लोगों के खिलाफ जांच की मांग करेंगे? इस केस में भाजपा के कई नेताओं और उनके बेटों के नाम आए थे। पनामा केस में नाम आने पर दो देश के पीएम को पद छोड़ना पड़ा, लेकिन अपने यहां कुछ नहीं हो रहा।”

2) “नीतीश कुमार अपनी सहूलियत से अंतरआत्मा को जगाने और सुलाने का काम करते हैं। क्या इनकी आत्मा, कुर्सी आत्मा, डर आत्मा या मोदी आत्मा है? नीतीश को इसका जवाब देना होगा।”

3) “नीतीश की कैबिनेट में शामिल 75 फीसदी लोग दागी हैं। उन्हें किस हैसियत से मंत्री बनाया गया? इनके साथ विकास करेंगे? इन पर 302 का मुकदमा चल रहा है। इन्हें तो शपथ ही नहीं लेनी चाहिए थी। उन्हें 28 साल के साफ छवि वाले मंत्री के साथ बैठने में दिक्कत थी।”

4) “नीतीश गलतफहमी में नहीं रहें। बिहार की जनता उन्हें जिंदगी भर कोसेगी। आपने बिहार के लोगों के वोट की डकैती की है। बिहार के लोग जिंदगीभर आपसे सवाल पूछेंगे। विरोधियों की बात जनता के सामने न जाए इसके लिए विधानसभा के लाइव टेलीकास्ट को रोक दिया गया। मैं हाउस में बोल रहा था, मेरी बात को लाइव ब्रॉडकास्टिंग से काट दिया गया। मैंने जो सवाल पूछे, उसका आज तक जवाब नहीं दिया?”

5) “नीतीश लोगों को गुमराह कर रहे हैं। कास्ट की राजनीति उन्होंने शुरू की। मंडल के दौर में पिछड़े-अति पिछड़े सभी मिलकर लालू के साथ खड़े थे। असली मास लीडर लालू हैं। जब पिछड़े अंतिम पायदान पर खड़े थे, तब नीतीश जी ने समता पार्टी का गठन किया और मंडल को छोड़कर कमंडल के साथ भाग गए।

जब मायावती, अखिलेश और अन्य नेता मंडल के लोगों को एक साथ लाने की बात करते थे, तब वे एक बार फिर मंडल को छोड़ कमंडल के पास चले गए। नीतीश मास लीडर होने की बात कहते हैं, जबकि सच यह है कि वह जनता से कटे रहते हैं।

मैं उनके साथ कई जगह गया था। जनता को मंच के करीब नहीं आने दिया जाता। विरोध के डर से बारिश हो, तब भी किसी को काला छाता नहीं लगाने दिया जाता।नीतीश के मंच पर अफसरों को जगह मिलती है। हमारे मंचों से जनता चिपकी होती है। कुछ मंच पर भी बैठ जाते हैं।”

6) तेजस्वी ने आरोप लगाया, “आडवाणी के साथ नीतीश मुंबई सम्मेलन में गए थे। गोधरा कांड के समय ये ही रेल मंत्री थे। ये किस सेक्यूलरिज्म की बात कर रहे हैं। हे राम से, जय श्री राम में पलटी मार गए हैं। कुछ दिन पहले महात्मा गांधी को किस बात की श्रद्धांजलि दे रहे थे। आप गोडसे के वंशजों के साथ चले गए।”

7) “विकास की बात करते हैं। चार साल, चार सरकार और सीएम नीतीश कुमार। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? इनकी अंतरआत्मा चार बार सोई और जागी। इन्हें बिहार के विकास की चिंता नहीं है, इन्हें सिर्फ कुर्सी प्रेम है। हमारे विभाग में काम हो रहा था। ये लोग विनाशकारियों के साथ चले गए। नीतीश जी, बार-बार बोलने से विकास नहीं होता। विकास काम करने से होता है। ये बिहार के विकास के प्रति जवाबदेह नहीं हैं। डिप्टी सीएम रहते हुए मैंने केंद्र से कई काम करवा लिए।”

8) “हम लोगों पर परिवारवाद का आरोप लगाते हैं। पशुपति पारस को कैसे मंत्री बना दिया? वे न तो विधायक हैं और न विधान पार्षद। जिन्हें जनता ने नकार दिया, उन्हें सीएम मंत्री बना रहे हैं। नीतीश सरकार अब हम लोगों काम की फाइल निकाल रहे हैं। यह निगेटिव पॉलिटिक्स है। हमने कोई गलत काम नहीं किया। जो जांच करना है कर लें।”

9) “ये सरकार ज्यादा दिन नहीं चलने वाली है। 2013 में नीतीश के हाथों धोखा खा चुकी बीजेपी, इन्हें ज्यादा दिन साथ नहीं रखने वाली है। नीतीश जी आप कुर्सी के चक्कर में फंस गए। बीजेपी कभी भी धोखे का बदला धोखा देकर ले सकती है।

क्या बीजेपी ने 2013 में भ्रष्टाचार किया था? किस वजह से नीतीश ने बीजेपी को दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाला? पीएम ने नीतीश के डीएनए पर सवाल उठाए थे। क्या पीएम ने नीतीश के डीएनए पर झूठ बोला था, या वे सही थे?”

10) विपक्ष के लोग एक जुट हो रहे थे। देश को तोड़ने वाली शक्तियों के खिलाफ एक हो रहे थे। उस कॉन्सेप्ट को बीजेपी के लोग खत्म करना चाहते थे। इसका सबसे अच्छा तरीका था कि जहां महागठबंधन बना, वहां तोड़ो ताकि लोग एकजुट होने की हिम्मत नहीं करें। अब केंद्र और राज्य में उनकी सरकार है।

अब कानून बना दीजिए कि FIR दर्ज होने के बाद शख्स संवैधानिक पद पर नहीं रहेगा। हम तो कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। ये लोग भ्रष्टाचारियों का साथ दे रहे हैं और ईमानदार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।”

तेजस्वी ने कहा, “27 अगस्त को होने वाली भाजपा भगाओ, देश बचाओ रैली के लिए हम लोग 15 अगस्त से पहले बिहार के कोने-कोने में जाएंगे। सबसे पहले चम्पारण जाएंगे और बापू की मूर्ति के पास जाकर उनसे माफी मांगेंगे। उनसे कहेंगे कि पिछली बार जिसके साथ यहां आया था, मैं नहीं जानता था कि वह दगाबाज निकलेगा। बापू की मूर्ति के सामने बैठने वाला, उनके हत्यारों से मिल गया।”

“बीजेपी के खिलाफ रैली में आने के संबंध में शरद जी, मेरी और लालू जी की बात हुई है। नीतीश ने जो किया, उससे शरद जी को नाराजगी है। नीतीश कहते हैं की जेडीयू स्टेट पार्टी है, फिर वह केरल और दिल्ली क्यों गए थे?

नीतीश कुमार अगर कहते हैं कि उनका नया गठबंधन पूरा चलेगा तो मैं बीजेपी के लोगों से कहना चाहता हूं कि वह नीतीश से एफिडेविट पर लिखवा लें। नीतीश लोगों का इस्तेमाल करते हैं, फिर उन्हें फेंक देते हैं। जनता ऐसी राजनीति पसंद नहीं करती।”

फोटोः फाइल 

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