लखनऊ ।। भाजपा सरकार द्वारा 17 सितम्बर भगवान विश्वकर्मा पूजा के सार्वजनिक अवकाश को निरस्त किये जाने के विरोध में विश्वकर्मा समाज के लोगों ने गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री रामआसरे विश्वकर्मा के नेतृत्व में हजरगंज गांधी प्रतिमा के समक्ष बुधवार को धरना दिया गया।
धरना के बाद इस संबंध में मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा गया। इस दौरान राम आसरे विश्वकर्मा ने कहा कि 17 सितम्बर विश्वकर्मा पूजा का अवकाश विश्वकर्मा समाज के मान – सम्मान और पहचान से जुड़ा है। योगी सरकार ने इसे निरस्त करके विश्वकर्मा समाज एवं शिल्पकारों का अपमान किया है तथा विश्वकर्मा समाज की पहचान मिटाने का काम किया है। विश्वकर्मा पूजा का सार्वजनिक अवकाश समाजवादी पार्टी की सरकार में मेरे प्रयास से तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव तथा सन 2012 में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा घोषित किया गया था।
भाजपा सरकार बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने भगवान विश्वकर्मा को महापुरुषों की श्रेणी में लाकर तथा विश्वकर्मा पूजा का अवकाश निरस्त कर भगवान विश्वकर्मा तथा उनके वंशजों का अपमान किया है और विश्वकर्मा समाज की पहचान मिटाने का प्रयास किया है, जिससे विश्वकर्मा समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। विश्वकर्मा ने ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री से पुन: विश्वकर्मा पूजा का अवकाश घोषित करने की मांग की। विश्वकर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विश्वकर्मा समाज को सपा सरकार में दी जा रही सुविधाओं वर्कशॉप हेतु ग्राम सभा की जमीन का पट्टा, इंटरमीडिएट पास विश्वकर्मा समाज को लड़को को आईटीआई का प्रमाण पत्र, गरीब लड़कियों को शादी अनुदान, छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति को बंद कर दिया। लोहे लकड़ी के सामानों पर जी०एस०टी० लगाकर महंगा कर दिया है जिससे विश्वकर्मा समाज के गरीब लोगों का कारोबार बंदी के कगार पर है।
विश्वकर्मा ने सरकार से मांग किया है कि लोहे लकड़ी की कारोबार को जीएसटी से मुक्त रखा जाय तथा सपा सरकार ने दी जा रही सुविधाओं को बहाल किया जाय। धरने में मुख्य रुप से अच्छे लाल विश्वकर्मा, राकेश विश्वकर्मा, परशुराम विश्वकर्मा, राम भजन विश्वकर्मा, राजेश विश्वकर्मा एडो, सुशील विश्वकर्मा एडो० , हरिश विश्वकर्मा , इन्द्रदेव शर्मा , प्रवीण विश्वकर्मा एडो० , ओम प्रकाश शर्मा , रविन्द्र विश्वकर्मा, सन्तोष विश्वकर्मा, शेषनाथ विश्वकर्मा उदयचन्द विश्वकर्मा, बाकेलाल विश्वकर्मा, धर्मेन्द्र विश्वकर्मा, चन्दन विश्वकर्मा, अर्जुन देव विश्वकर्मा, विवेक विश्वकर्मा, विनोद विश्वकर्मा, रिंकू विश्वकर्मा, रविकान्त शर्मा, भोला विश्वकर्मा, जितेंद्र विश्वकर्मा, विपिन शर्मा, सतीश विश्वकर्मा, सीबी विश्वकर्मा, पंचदेव आनन्द, डा जय विश्वकर्मा, कृष्ण मुरारी, विरेन्द्र विश्वकर्मा, मेवालाल विश्वकर्मा, गोपाल विश्वकर्मा, अनूप , राममूरत , डा० मुकेश विश्वकर्मा , कमलेश विश्वकर्मा , सदानंद , हरीश कुमार , महेश , पवन विश्वकर्मा , छोटेलाल , मुन्नू , मनीष, अवनीश, महेश, अजय जितेंद्र, अमित, रामप्रवेश, पंकज विश्वकर्मा, लालबहादुर विश्वकर्मा, सुभाष विश्वकर्मा, जियालाल विश्वकर्मा, राजू विश्वकर्मा, कुलदीप, नवनीत, विवेक, पवन संजय, रंजीत, सत्यम विश्वकर्मा सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहें।
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