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यूपी किरण ब्यूरो

उत्तर प्रदेश/।। यूपी सरकार में समाज कल्याण एवं अनुसूचित जाति जनजाति राज्यमंत्री गुलाब देवी ने शुक्रवार दोपहर दो बजे राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर) पर छापा मारा। इस दौरान वहां निरुद्ध किशारों ने अपने उत्पीड़न की दास्तान सुनाई, जिसे सुनकर मंत्री चौक गईं। किशोर बंदियों ने बताया कि उन्हें पेड़ से बांध कर मारा जाता है। वहीं हर रोग के लिए सिर्फ एक दवा पैरासिटामॉल दी जाती है।

नाशते में देते हैं एक पूरी, पेड़ से बांधकर होती है पिटाई

निरीक्षण के दौरान विभिन्न अपराध में निरुद्ध किशोरों से मंत्री ने बातचीत की। इस दौरान मंत्री ने जब बच्चों के सिर पर ममतामयी स्पर्श किया, तो बच्चे रोने लगे। उन्होंने उत्पीड़न की एक-एक घटना को विस्तार से बताया। एक किशोर ने मंत्री को अपने जख्म दिखाते हुए बताया कि उसे पेड़ से बांध कर पीटा गया।

साथ ही अन्य ने भी अपनी दास्तान सुनाते हुए बताया कि यहां बीमार होने के बाद भी उपचार नहीं कराया जाता है। उनसे टॉयलेट्स की गंदगी साफ करवाई जाती है। साथ ही झूठे बर्तन साफ करवाने के अलावा पानी भरवाने का भी काम करवाया जाता है।

जब मंत्री ने किशोरों के पीले पड़े चहरे देखे तो पूछा ”आपको खाने में क्या दिया जाता है।” इसके जवाब में जावेद (बदला हुआ नाम) ने बताया कि, ”उन्हें नाशते में सिर्फ एक पूरी दी जाती है।”

मंत्री से बोले किशोर आप चली जाएंगी तो फिर मारेंगे

निरीक्षण के दौरान किशोरों ने यह भी कहा कि आप चली जाएंगी तो फिर मारेंगे। खाने को नहीं देंगे और गेट पर मिलने नहीं देंगे। इसके बाद मंत्री ने वहां मौजूद अधि‍कारियों को चेतावनी दी कि यहां से चन्दौसी दूर नहीं है। वहीं, कई किशोरों को अपना फोन नंबर भी दिया। साथ ही यह भी कहा कि, ”फिर हालचाल जानने के लिए आऊंगी। अब कोई आंख उठाकर नहीं देख सकेगा।”

हर मर्ज की दवा पैरासिटामॉल

निरीक्षण के बाद राज्यमंत्री गुलाब देवी ने बताया कि, ”निरीक्षण में पता चला कि बीमार होने पर किशोरों को एक ही गोली दी जाती है। हर मर्ज की दवा पैरासिटामॉल ही है।” संप्रेक्षण गृह में सुधार के लिए आए किशोरों को पेड़ से बांध कर पीटा जाता है। रसोइये का काम करवाया जा रहा है।

”परिजन मिलने आते हैं, उनसे पैसे छीन लिए जाते हैं। पिछली सरकार के अधिकारियों के दृष्टि राक्षसी है। आप खुद देख सकते हैं कि किसी भी बच्चे के चेहरे पर हंसी नहीं है।”

मंत्री को नहीं दी एंट्री, परिचय बताने पर खोला गेट

हरथला स्थित संप्रेक्षण गृह में मंत्री अंबेसडर कार से पहुंची। गेट से दूर गाड़ी को खड़ा करके अपने स्टॉफ के साथ द्वार पर पहुंची, वहां कर्मचारियों ने झांककर देखा तो प्रवेश नहीं करने दिया।

जब मंत्री ने बताया कि वो निरीक्षण के लिए आई हैं। इसके बाद उन्हें अंदर एंट्री दी गई। मंत्री के साथ वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करने वाले भी थे।
उसके बाद कर्मचारी इधर-उधर से आ गए। मंत्री सीधी सामने वाले कमरे में पहुंचीं, जहां किशोर सुबक रहे थे।

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने कहा प्रतिदिन नहीं देखा जा सकता

इस मामले पर जिला प्रोबेशन अधिकारी नरेश कुमार चौहान ने कहा ”प्रत्येक माह में दो-तीन बार निरीक्षण करता हूं। कभी भी उन्होंने खाने या मारपीट होने की शिकायत नहीं की थी।” प्रतिदिन नहीं देखा जा सकता। सामने कोई समस्या आएगी, उसे अवश्य निस्तारित कराया जाएगा।

फोटोः फाइल

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