img

www.upkiran.org

यूपी किरण ब्यूरो

लखनऊ।। CM योगी के शासन में एक और सनसनी वारदात सामने आयी है। मरीजो के भगवान केजीएमयू के डॉक्टर इलाज तो दूर सलीके से बात करना भी मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।

स्थिति यह है कि गंभीर हालत में रात में आए एक कैंसर पीड़ित को जहां ट्रॉमा में आधी बोतल दवा चढ़ाकर बाहर निकाल दिया गया। वहीं रैनबसेरा में रात गुजारने के बाद सुबह ओपीडी में दिखाया गया, जहां डॉक्टर के बेतुके बोल से परिजन सदमे में आ गए।

डॉक्टर बोले, महिने भर में तुम्हारा मरीज मर जाएगा जाओ घर ले जाओ इसे यहां इलाज नहीं हो पाएगा। शाहजहांपुर के मरेना गांव निवासी लक्ष्मीकांत मिश्र (45) को पेनिस कैंसर था। वहीं घाव पेट तक फैल गया था।

भाई मनोज बुधवार शाम साढ़े सात बजे गंभीर हालत में लक्ष्मीकांत को लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। घंटे भर बाद स्टेचर मिलने के बाद लक्ष्मीकांत को लेकर कैजुअल्टी गए। यहां एक डॉक्टर ने लक्ष्मीकांत की हालत गंभीर देखकर डिप लगा दी।

मगर एक घंटे बाद दूसरे डॉक्टर ने लक्ष्मीकांत को बाहर निकालने का फरमान सुना दिया। मनोज ने इलाज के लिए फरियाद की, मगर आधी बोतल चढ़ाकर ही लक्ष्मीकांत को स्टेचर समेत बाहर कर दिया। रात भर लक्ष्मीकांत रैन बसेरे में पड़े तड़पते रहे। गुरुवार सुबह मनोज उन्हें स्टेचर से लेकर ओपीडी पहुंचे।

लाइन में लगकर पर्चा बनवाया। करीब साढ़े नौ बजे कैंसर के डॉक्टर ने देखकर मेडिकल स्टोर से दवा लिख दी। परिजन मनोज, सुधीर व राजू ने हालत गंभीर बताकर लक्ष्मीकांत को भर्ती करने के लिए डॉक्टर से कई बार कहा।

आरोप है कि, इस पर डॉक्टर झल्ला गए उन्होंने कहा कि माह भर में तुम्हारा मरीज मर जाएगा। इसे घर ले जाओ, यहां कोई इलाज नहीं होगा। यह सुनकर तीमारदार सदमें में आ गए।

इस दौरान मरीज भी काफी परेशान हो गया। परिजनों ने विरोध भी किया मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। भर्ती न होने पर परिजन मरीज को घर लेकर चले गए।

फोटोः फाइल

इसे भी पढ़े

--Advertisement--