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माइग्रेन यानि अधकपारी के मरीजों की तादाद दुनिया भर में बड़ी तेजी से बढ़ रही है। भागदौड़ भरी जिंदगी इसका मुख्य कारण है। ऐसा माना जाता है की सामान्य स्थिति से तनावपूर्ण माहौल में पहुंचने के बाद सिर दर्द बढ़ता है फिर ब्लडप्रेशर बढ़ने लगता है उसके बाद माइग्रेन के शिकार होते हैं।

जब लगातार सिरदर्द गंभीर रूप से होता है तो उसे को माइग्रेन कहते हैं। इसमें आधे सर में ही दर्द होता है।
ऐसा नहीं है की माइग्रेन कोई इलाज नहीं है। बस थोड़ी सी सावधानी की जरूरत है-

1)-माइग्रेन में नाश्ते में ताजा और सूखे फलों का सेवन फायदेमंद होता है।
2)-लंच में प्रोटीनयुक्त चीजें ही खाएं , जैसे दालें, दूध, दही, पनीर, मांस-मछली आदि।
3)-रात के खाने में सलाद के साथ चोकरयुक्त रोटी, चावल या आलू जैसी स्टार्च वाली चीजों का सेवन करें।
4)-यदि माइग्रेन है तो आप डिब्बाबंद पदार्थों और जंक फूड का सेवन कत्तई न करें।
5)मैदा बिलकुल न खाएं क्योंकि मैदे में ऐसे कुछ रासायनिक तत्व पाए जाते हैं जो माइग्रेन को बढ़ावा देते हैं।
6)ज्यादा मिर्च-मसाले वाले खाने से परहेज करें।

माइग्रेन या अधकपारी में सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है और आधा दर्द से मुक्त रहता है। दर्द वाले हिस्से में भयानक चुभन होती है। ये दर्द कुछ घंटों से लेकर दो-तीन दिन तक बना रहता है।

माइग्रेन मूल रूप से एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ गैस्टिक और जी मिचलाने या उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

माइग्रेन में फोटोफोबिया यानी रोशनी से ज्यादा परेशानी और फोनोफोबिया यानी शोर से दर्द आम बात है। पूरी नींद न लेना, ज्यादातर भूखे पेट रहना और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना भी माइग्रेन का मुख्य कारण हो सकता है।

 

 

 

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