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Shani ka prakop: ज्योतिष शास्त्र की माने तो शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। जो इंसान के अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर उसे फल देते हैं। ये समय हर व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण होता है, जब शनि का प्रभाव किसी राशि पर पड़ता है। इस साल 29 मार्च को शनिदेव मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं, जिसके साथ ही मीन राशि वालों के लिए साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा। ये चरण कई लोगों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण माना जाता है।

साढ़े सात साल की ये अवधि, जो साढ़े सात वर्षों में तीन चरणों में बंटी होती है, मीन राशि वालों के लिए एक कठिन समय लेकर आ सकती है। प्रत्येक चरण लगभग ढाई साल का होता है और मीन राशि के जातकों के लिए वर्तमान वक्त साढ़ेसाती के दूसरे चरण की शुरुआत का है, जो सबसे कष्टकारी माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौरान व्यक्ति को आर्थिक तंगी, मानसिक तनाव, रिश्तों में कड़वाहट और हादसों का सामना करना पड़ सकता है।

साढ़ेसाती के दौरान ऐसा करने से बचें

इस समय कोई भी शॉर्टकट या जोखिम भरे निवेश से बचना चाहिए। ऐसे कार्यों से दूर रहना सबसे अच्छा रहेगा। घर या कार्यस्थल पर अनावश्यक बहस से बचें, क्योंकि ऐसा करने से रिश्तों में तनाव आ सकता है। इस वक्त शारीरिक कष्ट होने की संभावना अधिक है। विशेष रूप से वाहन चलाते वक्त बेहद सतर्क रहें और यातायात नियमों का पालन करें।

शनि देव न्यायप्रिय हैं और बुरे कर्मों की सजा देते हैं। साढ़ेसाती के दौरान किसी को धोखा देना, चोरी करना या अनैतिक तरीके से धन कमाने की कोशिश महंगी पड़ सकती है। दि कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो, तो शराब और मांसाहारी भोजन से बचने की सलाह दी जाती है। खासकर शनिवार और मंगलवार को देर रात यात्रा करने से बचें।

नोट- उपरोक्त बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है। हमारी टीम इसका समर्थन नहीं करती है।