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यूपी किरण ब्यूरो

लखनऊ/नई दिल्ली ।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य में दिसंबर में विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि राज्य में जुलाई या सितंबर में ही चुनाव कराया जा सकता है। इन अटकलों के बाजार में मायावती को लेकर भी एक चर्चा जोरों पर है। वह यदि गुजरात में किसी भी पार्टी के साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव मजबूती के साथ लड़ती हैं, तो भाजपा को पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी मुश्किल होगी।

मायावती भले ही गुजरात में सरकार न बना पाएं, लेकिन उनकी इस आक्रामकता का उनके जमे जमाए वोटबैंक को मजबूत संदेश जाएगा। यही नहीं यूपी में भी वह नेताओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर पैदा कर सकेंगी।

पार्टी के तौर पर मायावती के लिए जनता दल यूनाइडेट (जदयू) भी एक विकल्प हो सकता है। हालांकि बसपा के एक नेता कहते हैं कि वह गुजरात जाकर प्रचार करना चाहते हैं। वहां पर दलितों को गाड़ियों में बांधकर मारा गया है। यदि मायावती वहां जाने का संदेश देती हैं, तो इस समय यह पार्टी के लिए काफी अच्छा होगा और हार की निराशा को भी कम करेगा।

भाजपा ने गुजरात के लिए गुजरात में 150 का नारा भी दिया है और 182-सदस्यीय विधानसभा में 150 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। राज्य के बड़े शहरों में मोदी और शाह की तस्वीरों और नारों वाले बैनर और पोस्टर लगा दिए गए हैं और पर्चे बांटे जा रहे हैं। इसके बाद भी यदि मायावती गुजरात में मजबूती से चुनाव लड़ने का दम दिखाती है तो भाजपा को सत्ता आसानी से नहीं मिलेगी।

फोटोः फाइल।

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