img

www.upkiran.org

यूपी किरण ब्यूरो 
लखनऊ।। बसपा सुप्रीमों मायावती पर पार्टी फंड के नाम पर पैसे वसूलने के आरोप लगते रहे हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या से लेकर नसीमुद्दीन सिद्दीकी तक ने मायावती पर पैसा मांगने का आरोप लगाया। अभी हाल में पार्टी के जमीनी नेताओं में शुमार इंद्रजीत सरोज ने भी अपने निष्कासन का कारण मायावती के पैसे की डिमांड नहीं पूरी करना बताया था।
इस आरोप पर बसपा मुखिया का कोई बयान नहीं आया। हालां​कि पार्टी के अंदरखाने मचे तूफान को संभालने के लिए मायावती ने गुरूवार को पार्टी पदाधिकारियों की बैठक जरूर बुलायी थी।
बैठक में बसपा नेता बड़ी उम्मीदें लेकर गए थे। उन्हें लग रहा था कि आज बसपा मुखिया का बदला हुआ रूप सामने आएगा। पर हुआ ठीक उल्टा, जिसने पार्टी नेताओं को हैरान कर दिया। मायावती ने अपने दो घंटे के भाषण में मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।
पर पार्टी फंड के नाम पर पैसे की जरूरत बताना नहीं भूली। पार्टी के एक नेता ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उन्होंने मंच से कहा कि माया के पास ‘माया’ नहीं रहेगी तो किसके पास रहेगी। इतना ही नहीं इससे एक कदम बढते हुए उन्होंने आगामी स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त तक ‘माया’ का इंतजाम पूरा करने का भी साफ निर्देश दिया।
बसपा नेता का कहना है कि उसके बाद बैठक में मौजूद नेताओं के चेहरे उतर गएं। बैठक में पिछले विधानसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी भी आए थे। उनमें से अधिकांश ने माया की डिमांड पूरी करने में अप्रत्यक्ष तौर पर असमर्थता जतायी। अब देखना है कि माया का यह रंग आगे क्या—क्या गुल खिलाता है।
विधानसभास्तर पर 9 से 22 लाख वसूली का आरोप
इंद्रजीत सरोज ने बसपा मुखिया पर आरोप लगाया था कि उन्होंने विधानसभा स्तर पर 9 से 22 लाख वसूली का टारगेट दिया है। हर विधानसभाओ में इसके लिए रजिस्टर बनाए गए हैं। इतना पैसा वसूलने में असमर्थता जाहिर की तो उन्होंने खुद फोन कर कहा कि पार्टी में आपकी कोई जरूरत नहीं है।
फोटोः फाइल 

इसे भी पढ़ें

http://upkiran.org/6720

--Advertisement--