
यूपी किरण ब्यूरो
उत्तर प्रदेश/इलाहाबाद।। यूपी में मृतक आश्रितों को दारोगा बनाने की नियमावली को हाईकोर्ट ने बदल दिया है। वर्तमान में लागू हुई कड़ी प्रक्रिया में ढील देते हुये कोर्ट ने पुराने नियम को लागू करने का आदेश जारी किया है।
जिससे अब फिर से मृतक आश्रितों का दारोगा बनना आसान हो जायेगा।इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की उस विशेष अपील को खारिज कर दिया है। जिसमे उत्तर प्रदेश सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर सर्विस रूल्स 2008 में बदलाव कर नयी नियमावली प्रभावी की गयी थी।
ये है नियम
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दारोगा बनने के लिये शारीरिक दक्षता के मापदंड की प्रक्रिया मेः 4.8 किलोमीटर दौड़ की समय सीमा बढा दी है। य यूं कहें कि पुराने नियम को लागू कर दिया है।
अब 4.8 किलोमीटर दौड़ 20 मिनट के बजाय 35 मिनट में पूरी करने का समय निर्धारित होगा । आदेश के पूर्व लागू रहे नियम में यह 20 मिनट कर दिया गया था। जो काफी कठिन हो गया था।
19 अगस्त 2015 को उत्तर प्रदेश सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर सर्विस रूल्स की नई नियमावली लागू की गई थी। जबकि सूबे में यूपीपी के मृतक आश्रित कोटे के तहत सब इंस्पेक्टरों की भर्ती 2008 की भर्ती नियमावली के तहत होती रही है।
यहां फंसा पेंच
सन 2014 में मृतक आश्रित अभ्यर्थियों की भर्ती शुरू की गई थी। 14 अक्तूबर 2014 कट ऑफ डेट तय थी। जिन्होंने इसी सीमा में आवेदन किया।
उन्हे तो पुरानी नियमावली के तहत 17,18 व 19 अगस्त 2015 को दौड़ाया गया। इन्हे 35 मिनट का समय दिया गया। लेकिन इस प्रक्रिया के बीच ही पेंच फंसता गया।
दरअसल हुआ क्या कि 14 अक्तूबर 2014 के बाद भी मृतक आश्रितों के आवेदन मुख्यालय पहुंचते रहे और जब 19 अगस्त 2015 के बाद जब विभाग ने बाद में आये आवेदन पर कार्रवाई शुरू की तो नयी नियमावली लागू कर दी।
जिससे अब दौड़ मात्र 20 मिनट में पूरी करनी थी। बस इसी मुद्दे को लेकर अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की जिसपर एकलपीठ ने नयी नियमावली को खारिज करते हुए पुरानी नियमावली से चयन करने का आदेश दिया।
लेकिन प्रदेश सरकार ने एकल जज के आदेश को विशेष अपील के तहत चैलेंज किया। जिस पर न्यायमूर्ति वीके शुक्ला और न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी की पीठ ने सरकार की अपील खारिज करते हुए एकलपीठ के निर्णय को सही माना और पुरानी नियमावली के तहत ही भर्ती करने का आदेश दिया है।
फोटोः फाइल
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