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लखनऊ ।। अखिलेश यादव को उनकी विचारधारा को लेकर भी योगी ने जोरदार टक्कर दे दिया है। विदेश में पढ़ने वाले अखिलेश यादव न केवल क्रिकेट को बढ़ावा देने में जुटे थे, बल्कि खुद भी अधिकारियों के साथ बिलायती खेल खेल रहे थे, लेकिन अब यूपी में ऐसा नहीं होगा। अखिलेश यादव खुद भी क्रिकेट के दीवाने थे। वह अधिकारियों के साथ क्रिकेट खेल रहे थे और विदेशी खेल क्रिकेट को ही बढ़ावा दे रहे थे, लेकिन अब गांव देहात के बच्चे भी अपने खेल का प्रदर्शन कर सकेंगे।

नए शासनादेश के मुताबिक, योगी सरकार भारतीय परंपरागत खेलों को प्रोत्साहित करने की तैयारी में हैं। इन खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए यूपी सरकार विशेष टूर्नामेंट आयोजित करेगी। प्रदेश के खेल मंत्री चेतन चौहान ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार परम्परागत खेलों को प्रोत्साहित करने में पूरा सहयोग देगी। सूबे की सरकार स्थानीय खेलों को फिर से लोकप्रिय बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।

खिलाड़ियों को नौकरी देगी सरकार
चेतन चौहान ने कहा, खो-खो, कबड्डी, कुश्ती और मलखंभ (भारतीय पद्धति की मार्शल आर्ट्स) जैसे खेलों में भी अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों को उत्तर प्रदेश सरकार नौकरी में प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा पारंपरिक भारतीय खेलों में प्रदेश पीछे नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि एक समय था लोग अखाड़ों में जाकर दंड बैठक लगाते थे, लेकिन अब ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिलता।

गांवों में टैलेंट तलाशें अधिकारी
प्रदेश के खेल मंत्री ने कहा, इस संबंध में प्रदेश सरकार की तरफ से खेल अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है। अधिकारियों को दिए निर्देश में कहा गया है कि प्रदेश के गांव और शहरी इलाकों में इस तरह के खेलों के टूर्नामेंट आयोजित कर टैलेंट को तराशा जाए। इसका मुख्य उद्देश्य परंपरागत खेलों जैसे खो-खो, कबड्डी और अखाड़ा (कुश्ती और बॉडी बिल्डिंग) को पुनर्जीवित करना है।

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