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लखनऊ ।। बांट-माप विभाग के सहायक नियंत्रक आरपी सिंह ने बताया कि जनवरी से लेकर अब तक कानपुर मंडल में 1771 पेट्रोल पंपों की जांच की गई है। इसमे 91 में गड़बड़ी मिली है। इसमें में घटतौली भी पाई गई है। गड़बड़ी पर तीन लाख 80 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया है। अब लगातार जांच पड़ताल चलती रहेगी।

पेट्रोल पम्पों में डिवाइस लगाकर तेल चोरी का खुलासा होने के बाद शनिवार को कानपुर शहर के पेट्रोल पंपों पर छापेमारी की गई। सपा के पूर्व एमएलसी समेत शहर के तीन पेट्रोल पंपों की जांच की गई। तेल कंपनी के अफसर, डीएसओ और बाट-माप विभाग की टीमों ने जांच की।

रामादेवी स्थित पूर्व एमएलसी के पेट्रोल पंप का टैंक सूखा (ड्राई) मिलने पर कारण बताओ चेतावनी नोटिस जारी की गई।
आईओसी के सेल्स अफसर उपांश कुमार, एचपीसी के बैरिस्टर शाह, डीएसओ नीरज कनौजिया और बाट-माप विभाग के सहायक नियंत्रक आरपी सिंह की संयुक्त टीम ने छापेमारी की। सबसे पहले टीम रामादेवी स्थित आईओसी के श्रीजगदम्बा सर्विस स्टेशन पहुंची। यहां लगी पांच मशीनों के ढक्कन खुलवाकर डीजल और पेट्रोल की माप कराई गई। मशीन की सील सही पाई गई। चिप या इलेक्ट्रानिक डिवाइस जैसा कुछ नहीं मिला। पेट्रोल की माप भी ठीक थी। 20 हजार लीटर क्षमता वाले तीन टैंकों में से एक में 915, दूसरे में 356 और तीसरे टैंक में 432 लीटर पेट्रोल पाया गया। जांच में पता चला कि 12 अप्रैल से पंप पर ईंधन मंगाया ही नहीं गया था।

शनिवार को ईंधन की बिक्री भी बंद पाई गई। टैंक में निर्धारित मानक से कम तेल पाए जाने पर पेट्रोल पंप संचालक को नोटिस जारी की गई। पंप संचालक रोहित तोमर ने बताया कि धन अभाव के कारण तेल नहीं मंगाया गया था। इसके बाद टीम ओमपुरवा स्थित बीपी के नरेंद्रा फिलिंग स्टेशन पहुंची। यहां भी पंप की मशीनों को खुलवाकर सील और घटतौली की जांच की। मालरोड स्थित एचपी के जैन आटोमोबाइल्स में भी जांच पड़ताल की। दोनों ही जगह जांच में सब ठीक मिला है। डीएसओ नीरज कनौजिया ने बताया कि तीन पंपों की जांच में लगभग सब कुछ ठीक मिला है। आईओसी का पंप ड्राई था। इसलिए कंपनी की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी की जा रही है।

फोटोः फाइल।

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