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यूपी किरण ब्यूरो

लखनऊ।। मंगलवार को योगी कैबिनेट ने औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों को एक से दूसरे प्राधिकरण में तबादले से जुड़े विधेयक को मंजूरी के बाद वर्षो से विकास प्राधिकरण में वर्षों से जमे JE औरAE के व्यापक स्तर पर तबादले कर दिये। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न विकास प्राधिकरणों में बन चुके ‘भ्रष्टाचार के अड्डे’ को खत्म करने के लिए योगी सरकार ने अहम कदम उठाया है।

सरकार ने विकास प्राधिकरणों में बड़े पैमाने पर इंजीनियरों के तबादले कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार 316 AE और JE स्तर के अभियंताओं तबादले किये गए हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण के भी सालो से काबिज 76 इंजीनियर राजधानी से बाहर भेजे गए। ये इंजीनियर लंबे समय से जिलों में मलाई काट रहे थे।

इसके अलावा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में सालों से डेरा जमाए बैठे 33 JE के एनसीआर से बाहर ट्रांसफर कर​ दिए गए हैं। शासन की लिस्ट के बाद सभी विकास प्राधिकरणों में हड़कंप मच गया है।सभी के आदेश अलग अलग जारी किये गए हैं।

दरअसल नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गीडा, सीडा, लीडा, यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण, यूपीडा व यूपीसीडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण अपने स्तर पर कार्मिकों की नियुक्तियां करते हैं। अब इन्हें केंद्रीकृत सेवा में शामिल होने की सहमति देनी होगी। जो कर्मचारी केंद्रीयकृत सेवा में नहीं आना चाहते, उन्हें सेवा छोड़ने का विकल्प मिलेगा।

 

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