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यूपी किरण ब्यूरो

तमिलनाडु।। दलितों से भेदभाव जमाने से होता आया है। देश में कहीं न कहीं दलितों पर भेदभाव और छुआछूत की खबरें सुनने को मिलती ही रहती हैं।

दलितों को मंदिर में नहीं घुसने दिया जाता उन्हें घोड़ी पर नहीं बैठने दिया जाता, नल से पानी भी नहीं पीने दिया जाता। दलितों से भेदभाव की ऐसी ही एक खबर तमिलनाडु में पोल्लाची के कालिया पागोंडनदुर से आई है।

यहां दलित समाज के लोग वर्षों से एक कम्युनिटी हाल की मांग कर रहे हैं। अब उनकी यह मांग पूरी होती नजर आ रही है, तो मंदिर में प्रवेश की आशंका के साथ ऊंची जाति के लोग बाधा बन रहे हैं।

दरअसल, जहां कम्युनिटी हाल बनना है, उसके पास ही गणेश मंदिर है। सवर्णों को आशंका है कि कम्युनिटी हाल बनने पर दलित मंदिर में प्रवेश करेंगे। इसलिए विरोध किया जा रहा है।

दलितों के मुताबिक, सालों के संघर्ष के बाद अब पंचायत से मंजूरी मिली है और प्लाट भी आवंटित हो गया है। फंड जारी हो चुका है, लेकिन अब गांव के ऊंची जाति के लोग और हिंदू समर्थक विरोध कर रहे हैं।

1990 में जब मंदिर बना था, तब भी दलितों को मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था। 2006 में मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था। तब पुलिस की मदद से दलित मंदिर में प्रवेश कर सके थे। हालांकि अब फिर दलितों का प्रवेश बंद कर दिया गया है।

मंदिर के दरवाजों पर ताला लगा रहता है। सुबह-शाम जब पंडित पूजा करने आता है, तभी ताला खुलता है। हां यदि कोई ऊंची जाति वाला दर्शन करने आता है तो खासतौर पर दरवाजे खोल दिए जाते हैं।

अब स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाई जा रही है कि वह कम्युनिटी हाल बनवाने के साथ ही इस जातिगत भेदभाव को समाप्त करने में मदद करे।

फोटोः फाइल

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