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यूपी किरण ब्यूरो

लखनऊ ।। स्वास्थ्य मंत्री ने संविधान व शहीदों का अपमान किया है। समाजवादी चिन्तक व समाजवादी चिन्तन सभा के अध्यक्ष दीपक मिश्र ने 108 एम्बुलेंस से ‘‘समाजवादी’’ शब्द हटाने की कटु आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश के पहली बार विधायक व मंत्री बने सिद्धार्थनाथ सिंह ने अनुभव व अध्ययन के अभाव में ऐसा अनर्थ किया है, जो औचित्यहीन, अनावश्यक, अतिरंजित, आपत्तिजनक, दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। मिश्र ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल हस्तक्षेप कर ‘‘समाजवादी’’ शब्द मिटाने का निर्णय को रद्द करने की मांग की है।

दीपक मिश्र का कहना है कि जाने-अनजाने शहीदों एवं महान नेताओं तथा उनकी विरासत का अपमान किया है। ‘‘समाजवादी’’ शब्द भारत की संविधान में भारतीय लोकजीवन के आदर्श, मूल भावना व उद्देश्य के रूप में दर्ज है। संविधान की शपथ लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने भारतीय गणतंत्र के संकल्प की अवहेलना की है। ‘‘समाजवादी’’ समाज हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का रोमानी स्वप्न रहा है, इस सपने को मूर्तरूप देने के लिए शहीद-ए-आज़म भगत सिंह ने चन्द्रशेखर आजाद की अध्यक्षता में समाजवाद हिन्दुस्तान गणतांत्रिक समाजवादी संघ की स्थापना की थी।

वर्ष 1928 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ‘‘हरिजन’’ में लेख लिखकर स्वयं को समाजवादी बतलाया था। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने त्रिपुरी अधिवेशन (1939) में समाजवादी समाज का संकल्प लिया था। यही नहीं अवाड़ी सम्मेलन (1955) में समाजवादी संघात के समाज को बनाने के संकल्प पत्र में लाल बहादुर शास्त्री जी के भी हस्ताक्षर हैं, जिनके परिजन होने का दावा कर स्वास्थ्य मंत्री जी ने अपने लिए वोट मांगा था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वामी विवेकानन्द के विचारों को आत्मसात् करने के लिए कहते हैं, स्वामी जी ने ‘‘जाति, संस्कृति व समाजवाद’’ में समाजवादी सोच की पुरजोर वकालत की है। लोहिया जी ने पंडित दीनदयाल के पक्ष में जौनपुर लोकसभा उपचुनाव-1963 के दौरान आयोजित सभा में पंडित जी को ‘‘किसी भी समाजवादी से बड़ा समाजवादी’’ की संज्ञा दी थी।

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