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यूपी किरण ब्यूरो

लखनऊ।। बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी से निकाले जाने के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। करीब एक वर्ष पहले बसपा से बगावत कर अपनी राजनीति से मायावती को बर्खास्त करने का एलान करने वाले प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने ताजा घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

स्वामी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हजारो करोड़ रुपये वसूले गए लेकिन, अब आम कार्यकर्ता बसपा से आक्रोशित है। वह सिद्दीकी और सतीश मिश्रा को हटाने की मांग करने लगा।

तो झेंप मिटाने के लिए मायावती ने सिद्दीकी को बलि का बकरा बना दिया। सतीश मिश्रा के मसले पर उन्होंने कहा कि जब तक मिश्रा को निकालने की नौबत आएगी तब तक कहानी बदल जाएगी।

सतीश मिश्रा कानून के जानकार हैं तो ऐसी नौबत आने पर वह खुद माया को हटाकर बसपा का अध्यक्ष बनेंगे और तब मायावती सबसे असहाय होंगी। मौर्य ने मायावती को भ्रष्टाचार की देवी बताते हुए कहा कि अब उनके पाप का घड़ा फूट रहा है।

कहा, मेरे इस्तीफे के बाद उन पर भ्रष्टाचार के आरोपों की झड़ी लग गई। बहुत से नेताओं ने माया पर इल्जाम लगाया और नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी उसकी एक कड़ी हैं। अब मायावती का असली चेहरा जनता के सामने आ गया है।

बसपा से अभी और लोग टूटेंगे

बसपा समाप्ति की तरफ है और सतीश मिश्रा बसपा को समाप्त कर ही निकलेंगे। जैसे बाबा साहब के बाद महाराष्ट्र से आरपीआई खत्म हो गई वैसे ही कांशीराम के बाद उत्तर प्रदेश से बसपा का अस्तित्व मिट रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि मायावती जब कांशीराम की नहीं हुई तो वह किसी की नहीं हो सकती हैं। जुगुल किशोर ने कहा कि कांशीराम के मिशन को मोदी और योगी अपना रहे हैं, इसलिए मायावती का अब कोई मतलब नहीं है।

फोटोः फाइल

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