कोरोना संकट से निपटने में कारगर साबित हो रही भारतीय संस्कृति, ऐसे मजबूत हो रही रोग प्रतिरोधक क्षमता

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कोरोना वायरस पूरी दुनिया में मौत का कहर बरपा रहा है। भारत में भी 62 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। हालांकि हमारे देश में कोरोना वायरस से संक्रमित होने और मरने वाले लोगों की तादाद यूरोपीय देशों और अमेरिका से काफी कम है। इसके वजह भारतीयों की मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता को बताया जा रहा है। यही वजह है कि आज दुनिया में भारतीय खान-पान और संस्कारों को अपनाने कि होड़ लगी है।

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गौरतलब है कि भारत की आबादी के हिसाब से यहां प्रति 10 लाख की आबादी में कोरोना के सिर्फ 9 मरीज पाए गए हैं; जो कि दुनिया में सबसे कम हैं। प्रति 10 लाख की आबादी में अमेरिका में 1,946 मरीज हैं, इटली में 2,732, फ्रांस में 2,265 और स्पेन में 3,864 मरीज हैं। यही नहीं प्रति 10 लाख की आबादी के हिसाब से भारत में मौतों की संख्या भी बेहद कम है।

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इसी तरह भारत में प्रति 10 लाख लोगों में औसतन 13 लोगों की मौत हुई है। वहीं प्रति 10 लाख की आबादी पर फ्रांस में 263, इटली में 358 और स्पेन में कोरोना से 402 लोगों की मौतें हुई हैं। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना के 80 फीसदी संक्रमित मरीज ठीक भी हो जा रहे हैं। यह स्थिति भारत की जर्जर स्वास्थ्य सेवाओं के बावजूद है।

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सोशल मीडिया में कहा जा रहा है कि भारत के ज्यादातर लोग शाकाहारी हैं। यहां की धरती पर पैदा होने वाला अन्न और फल अधिक गुणकारी है। इसी तरह शहद; हल्दी; लहसुन; कालीमिर्च; अदरक; नीम और गिलोय समेत अन्य देशी चीजें खाने से भी यहां के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य देशों के लोगों से अधिक है। यह बात पहले भी कई बार साबित हो चुकी है।

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भारत में योग और आयुर्वेद लोगों के जीवन का हिस्सा है। योग से रोगों से निजात के साथ ही जीवन शक्ति में भी वृद्धि होती है। भारतीयों के पास दादी-नानी से लेकर आयुर्वेद तक के नुख्शे भी हैं।

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