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सहारनपुर। भारत में लोकसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। सभी सियासी पार्टियां विभिन्न वर्ग के मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रही हैं। इस बीच दुनिया भर में इस्लामी तालीम के लिए मशहूर दारुल उलूम ने एक बड़ा फरमान जारी किया है,  जिसके मुताबिक़ अब दारुल उलूम के उलमा न तो किसी भी सियासी पार्टी के नेता से मुलाकात करेंगे और न ही किसी पार्टी के नेता का इस्तकबाल करेंगे।

गौरतलब है कि दारुल उलूम से करोड़ों की तादाद में मुसलमान जुड़े हुए हैं, जो दारुल उलूम की तरफ से जारी किए गए हर फैसले का दिल से सम्मान करते हैं। इसलिए अक्सर चुनाव के समय तमाम सियासी पार्टियों के नेता दारुल उलूम में हाजिरी लगाते हैं। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव के पहले दारुल उलूम ने नेताओं को बड़ा झटका दिया है। अब किसी भी सियासी पार्टी के नेता दारुल उलूम देवबंद के उलमा से मुलाक़ात नहीं कर सकेंगे।

दारुल उलूम के इस सख्त फैसले के पीछे भी अहम वजह है। दरअसल, कुछ वर्ष पहले एक पार्टी के मुखिया देवबंद दारुल उलूम गए थे। उनके साथ एक स्थानीय नेता भी थे। मुलाकात के दौरान स्थानीय नेता ने पूर्व मोहतमिम का हाथ स्थानीय नेता के सिर पर रखवाकर फोटो खिंचवा ली थी, जिसका बाद में दुरूपयोग किया गया था। इसी के मद्देनजर अब दारुल उलूम ने यह फैसला लिया है। 
 

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