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मिशन स्पेस में सफलता को लेकर भारत एक के बाद एक नया इतिहास रच रहा है। इस बार इसरो के सूरज की स्टडी के लिए लॉन्च किए गए आदित्य ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है, जिसमें आदित्य ने सूरज की पहली फुल डिस्क तस्वीरें धरती पर भेजी है। ये तस्वीरें बेहद अहम है। इन तस्वीरों के क्या मायने हैं, उसके क्या फायदे हैं, इसकी सारी जानकारी आपको हमारी इस रिपोर्ट में मिलेगी।

भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य में लगे पैराशूट यानी सोलर अल्ट्रावायलट इमेज टेलिस्कोप ने सूर्य की फुल डिस्क तस्वीरें खींची है। इन्हें कैद करने के लिए पेलोड ने 11 फिल्टर का इस्तेमाल किया है। जिसकी तस्वीरें इसरो ने सोशल साइट पर पोस्ट की है। पोस्ट में इसरो ने बताया कि सूर्य ने जो तस्वीरें खींची हैं उनमें सन स्पॉट, ब्लैक स्पॉट, सूर्य का शांत क्षेत्र दिखाई दे रहा है।

पेलोड ने अल्ट्रावायलेट वेवलेंथ के पास सूर्य की फुल डिस्क इमेज कैप्चर की है, जिसमें 200 से 400 मीटर तक की वेवलेंथ में सूर्य की पहली तस्वीर है। तस्वीरें सूर्य के फोटो फेयर और क्रोमा फेयर के क्रिस्टल डिटेल दिखा रही है।

वहीं इसरो चीफ एस सोमनाथ के अनुसार, आदित्य मिशन फाइनल फेज में है। इसके साथ जनवरी 2024 तक लैंग्वेज प्वाइंट पर पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। आपको बता दें कि यहां से धरती और सूर्य के बीच की दूरी लगभग 15 लाख किलोमीटर है। इस बार आदित्य ने जो तस्वीरें भेजी है उससे वैज्ञानिकों को मैग्नेटिक सोलर एटमॉस्फियर की डायनेमिक कपलिंग की स्टडी में मदद मिलेगी।

इससे पृथ्वी पर सोलर रेडिएशन के असर को कम करने के उपाय तलाशने में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही आदित्य मिशन बेहद अहम है, जिसके कई मकसद हैं। इसके साथ ही आदित्य मिशन बेहद अहम है, जिसमें सूर्य के किनारों पर होने वाली हीटिंग का पता लगाना, सूरज के किनारों पर उठने वाले तूफानों की गति और उसके तापमान के पैटर्न को समझना है।

 

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