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चमोली में नमामि गंगे परियोजना के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में हाई वोल्टेज करंट दौड़ने से 16 लोगों की मौत हो गई। वहीं 11 लोग अभी भी मौत से लड़ रहे हैं। मंगलवार रात सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में एक कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई थी। जिसके बाद अगली सुबह उसके घरवाले उसे ढूंढते हुए आए।

एसटीपी के दरवाजे पर पड़े कर्मचारी के शव को देखकर हंगामा मचाया। जिसके बाद मौके पर पुलिस, होमगार्ड और स्थानीय कर्मचारी पहुंचे। जिन्हें ये खबर नहीं थी कि वो मौत से मिलने जा रहे हैं। मानो मौत उनका बेसब्री से इंतजार कर रही हो। बुधवार सुबह के वक्त घटना स्थल पर करीब 30 लोग मौजूद थे। एसटीपी के नजदीक दो मीटर वाले रास्ते पर सभी लोग खड़े थे।

शायद उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनके आसपास मौत मंडरा रही है। कुछ ही देर में अचानक से हाई वोल्टेज करंट दौड़ने लगा। जितने में कोई कुछ समझ पाता इतने में एक के बाद एक शख्स जमीन में बदहवास होकर गिरने लगे और मौके पर ही 16 लोगों ने दम तोड़ दिया। जो लोग कुछ दूरी पर थे उनके पास मौका था खुद को बचाने का तो उन्होंने मौका रहते वहां से भागना सही समझा, जिस वजह से कुछ लोग घायल हो गए।

जानकारी के मुताबिक अचानक से जो बिजली प्लांट सप्लाई हुई वह 11,000 वोल्ट की थी। जिस वजह से कोई भी शख्स वहां से बच नहीं पाया। अचानक से हुए इस दिल दहला देने वाले हादसे पर पीएम से लेकर गृहमंत्री और सीएम धामी ने दुख जताया है। चमोली जनपद में बहुत दुखद घटना घटित हुई है।

चमोली गोपेश्वर मोटर मार्ग पर अलकनंदा पुल से एसटीपी यानी सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए सकरा रास्ता जाता है। यह रास्ता सड़क से करीब 100 मीटर की दूरी तक सीधा है। वहीं कुछ दूरी पर एसटीपी का दरवाजा है, जिसकी सीढ़ियों पर कर्मचारी मृत अवस्था में पड़ा था। इस पूरे रास्ते के नदी की तरफ लोहे के एंगल और जाली लगी है। मिली जानकारी के मुताबिक जेई और पुलिस की टीम एसटीपी के बिजली ऑपरेटिंग रूम में गई तो वहां एक पैनल में आग लगी थी। जिसके बाद कुछ ही देर में मौत का करंट दौड़ा और 16 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। फिलहाल पूरे जिले में मातम का माहौल है। 

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