पिता की गवाही निर्णायक रही और चार साल पहले हत्या के मामले में कोर्ट ने युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। ये घटना उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के टिकैतनगर इलाके के बनगाम में हुई. दिलचस्प बात यह है कि इस मामले में आरोपी के पिता ही एकमात्र चश्मदीद गवाह थे।
इसके बारे में ज्यादा जानकारी ये है कि अगस्त 2019 में राम मथुरा बिहारी और श्याम मथुरा बिहारी नामक दो सगे भाइयों के बीच किसी कारण से बहस हो गई। इस विवाद की जानकारी मिलते ही पुलिस गांव में पहुंची और दोनों को समझा-बुझाकर विवाद को शांत कराया. लेकिन श्याम के सिर का गुस्सा शांत नहीं हुआ था. रात में उसने अपने छोटे भाई रामा के सिर पर लोहे की वस्तु से वार कर हत्या कर दी।
इस बीच बीते चार साल से इस मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. छोटे लड़के की मौत के बाद पिता मथुरा बिहारी ने सख्त रुख अपनाया और बड़े बेटे श्याम बिहारी के विरूद्ध गवाही देने का फैसला किया. दिलचस्प बात यह है कि वह इस मामले में एकमात्र चश्मदीद गवाह था। उसकी गवाही और अन्य साक्ष्यों के आधार पर अब अपर जिला जज अनिल कुमार शुक्ला ने आरोपी को 20 हजार रुपये जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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