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पोस्ट ऑफिस की एफडी अब बैंक एफडी से बेहतर रिटर्न देने वाली साबित हो रही है क्योंकि छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें लगातार तीन गुना बढ़ गई हैं। डाकघर छोटी बचत योजना के तहत दो साल की सावधि जमा पर 6.9 फीसदी ब्याज दे रहा है, जो समान अवधि की एफडी पर ज्यादातर बैंकों के रिटर्न से ज्यादा है।

ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में इजाफा किया है। बैंकों ने अधिक धन एकत्र करने के लिए जमाराशियों पर अधिक ब्याज देना शुरू किया। नतीजतन, मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच बैंकों की नई जमाओं पर औसत घरेलू सावधि जमा दर (WADTDR) में 2.22 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

जहां वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में बैंकों का फोकस होलसेल डिपॉजिट पर ज्यादा रहा, वहीं दूसरी छमाही में उनकी प्राथमिकताएं बदलीं और उन्होंने बढ़ते रिटेल डिपॉजिट पर ज्यादा फोकस किया। ब्याज दरों में बढ़ोतरी इसका एक हिस्सा थी। दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान बैंकों ने कर्ज पर ब्याज भी बढ़ाया।

सरकार ने ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी की

सरकार ने लघु बचत योजनाओं (एसएसआई) पर ब्याज दरों में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए 0.1-0.3 प्रतिशत, जनवरी-मार्च तिमाही के लिए 0.2-1.1 प्रतिशत और अप्रैल-जून 2023 तिमाही के लिए 0.1-0.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे पहले लगातार नौ तिमाहियों से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही से 2022-23 की दूसरी तिमाही तक इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।

 

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