इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध को अब 100 दिन हो गए हैं। लेकिन इसके बावजूद युद्ध का अंत नजर नहीं आ रहा है। इज़राइल-हमास युद्ध 7 अक्टूबर को शुरू हुआ, जब हमास ने इज़राइल पर हमला करना शुरू कर दिया।
हमास ने इजराइल पर 500 रॉकेट लॉन्चर दागे। इसी बीच हमास के हमले में 1,200 इजरायली मारे गए और लगभग 260 बंधक बन गए। हमास के हमले के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के विरूद्ध युद्ध की घोषणा कर दी।
युद्ध के 100 दिनों के दौरान कई देशों ने दोनों के बीच मध्यस्थता करने की कोशिश की। एक सप्ताह के संघर्ष विराम में, इज़राइल और हमास ने अपने बंदियों को रिहा कर दिया। हमास द्वारा पकड़े गए 250 इजरायली नागरिकों में से 121 को रिहा कर दिया गया।
पीएम बेंजामिन नेतन्याहू युद्ध शुरू होने के बाद से ही एक बात पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक हमास को पूरी तरह से ख़त्म नहीं कर देते, तब तक वो युद्ध ख़त्म नहीं करेंगे। इसके लिए उसने अपनी सेना को गाजा पट्टी पर खुलेआम हमला करने की इजाजत दे दी है।
यहूदी देश ने गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर सैकड़ों हवाई हमले किए हैं। इस दौरान कई आवासीय इमारतें भी ढह गई हैं। इस दौरान हजारों आम फ़िलिस्तीनी नागरिक मारे गए। इसकी संख्या 25 हजार के करीब पहुंच गई है। इजराइल के विरूद्ध युद्ध में हमास को कई इस्लामिक देशों का भी समर्थन मिला। इन देशों में कतर, ईरान, तुर्की और पाकिस्तान प्रमुख हैं। हालाँकि, चीन और रूस ने भी फिलिस्तीन का समर्थन करते हुए इजरायल की आक्रामकता की कड़ी निंदा की है।
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