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कांग्रेस वर्किंग कमेटी के पहले दिन की मीटिंग में लोकसभा और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की रणनीति, संगठन समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर, पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में साम्प्रदायिक तनाव की हालिया घटनाओं का भी उल्लेख किया।

उन्होंने इल्जाम लगाया कि देश गंभीर आंतरिक चुनौतियों से घिरा है और भाजपा आग में घी डालने का काम कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने मीटिंग में अपने शुरुआती संबोधन में संसद के विशेष सत्र को लेकर दावा किया कि सत्तारूढ़ पार्टी विपक्ष विहीन संसद चाहती है और ऐसे में उसकी मंशा को लेकर सतर्क रहना होगा।

खरगे ने कई विपक्षी नेताओं की प्राथमिकी की कार्रवाई को लेकर चीन सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया की पिछली तीन मीटिंगों की सफलता इसी बात से लगाई जा सकती है कि पीएम मोदी और भाजपा के नेता निरंतर हमला कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को 2021 की जनगणना और इसके साथ ही जाति जनगणना करानी चाहिए ताकि कमजोर वर्गों को खाद्य सुरक्षा कानून और अन्य योजनाओं को लेकर पूरा अधिकार मिल सके।

गांधी मीटिंग में जवानों की शहादत को लेकर भाजपा और पीएम मोदी पर निशाना साधा गया। खरगे ने लिखा कि जम्मू कश्मीर में जवानों की शहादत पर देश शोक मना रहा था। तब भाजपा और पीएम का जश्न मनाना न केवल बेशर्मी की पराकाष्ठा है बल्कि जवानों की शहादत का अपमान भी है। वहीं कार्यसमिति की मीटिंग में चीन के विषय पर केंद्र सरकार की आलोचना की गई है। मीटिंग में कहा गया कि चीन के साथ सीमा विवाद पर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।

साथ ही कार्य क्षेत्र की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए किसी भी चुनौती के विरूद्ध मजबूत रुख अपनाया जाना चाहिए। बतादें कि इस मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सिद्धरमैया, सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल थे। साथ ही मीटिंग में अलग अलग प्रदेशों के कई दिग्गज नेता भी शामिल हुए। 
 

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