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घर में नन्हा मेहमान आने पर दादा-दादी या बड़े-बुजुर्ग उसकी सेहत के लिए सलाह देने लगते हैं। भारत में आज भी नवजात शिशुओं की देखभाल के कई पुराने तरीके अपनाए जाते हैं। इनमें से एक है 6 महीने से पहले के नवजात को पानी पिलाना।

लोग 6 महीने से नवजात को पानी पिलाने की गलती दादी माँ के नुस्खे पर ज्ञान या भरोसे की कमी के कारण करते हैं। ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि 6 महीने से पहले नवजात को पानी पिलाएं या नहीं। कहीं आप भी इसे अच्छा नहीं मानते। तो जानकारों के मुताबिक देखते हैं कि बच्चे को 6 महीने से पहले पानी पिलाना चाहिए या नहीं।

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश बागड़ी ने कहा कि 6 माह से पहले नवजात शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ भी नहीं देना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार नवजात शिशु को पानी पिलाने से इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का खतरा रहता है। इस स्थिति में शरीर का तापमान गिर जाता है और दौरे पड़ने का खतरा रहता है।

WHO ने यह भी कहा है कि नवजात शिशु को पहले 6 महीनों तक केवल स्तनपान कराना चाहिए। क्‍योंकि इसमें पानी की मात्रा ज्‍यादा होती है और इसमें पोषण भी होता है। वैसे तो माता-पिता बच्चे को फॉर्मूला दूध देते हैं और यही पेट भरने के लिए काफी होता है। डॉक्टर बच्चों को पानी के साथ फॉर्मूला दूध नहीं देने की सलाह देते हैं।

पानी देने का सही वक्त जानें

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप अपने बच्चे को दूध पिलाना चाहती हैं तो सही समय का इंतजार करें। जब बच्चा ठोस आहार खाना शुरू कर दे तो उसे पानी देना ठीक है।

 

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