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Up Kiran, Digital Desk: खाड़ी क्षेत्र का एक छोटा मगर बेहद समृद्ध देश कतर अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर हमेशा से गर्व करता रहा है। दुनिया का सबसे बड़ा अमेरिकी एयरबेस भी यहीं स्थित है, जहाँ से अमेरिका पूरे मध्य पूर्व पर नज़र रखता है। अत्याधुनिक रडार सिस्टम, पैट्रियट मिसाइल डिफेंस, ये सभी अब तक कतर को सुरक्षित मानने के बड़े कारण थे।
मगर हाल ही में हुए इज़राइली हवाई हमलों ने इस भरोसे को हिला दिया है। मंगलवार को इज़राइल ने कतर की राजधानी दोहा पर 10 हमले किए। इन हमलों में कतर के एक सुरक्षा बल के सदस्य समेत छह लोगों की मौत हो गई है। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या कतर की सुरक्षा उतनी मज़बूत है जितनी दिखती है।
कतर का सुरक्षा घेरा कितना मज़बूत
कतर स्थित अल-उदैद एयरबेस को अमेरिकी सेना की रीढ़ माना जाता है। यहाँ हज़ारों अमेरिकी सैनिक तैनात हैं और यहीं से अमेरिकी लड़ाकू विमान, ड्रोन और कमांड सिस्टम पूरे क्षेत्र को नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा, कतर ने अपनी पूर्व चेतावनी रडार प्रणाली और पैट्रियट वायु रक्षा मिसाइलों को स्थापित करने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए हैं। तकनीकी रूप से, यह खाड़ी के सबसे सुरक्षित देशों में से एक है। इसीलिए दोहा को अंतरराष्ट्रीय वार्ता और गुप्त बैठकों के लिए चुना गया है।
इज़राइल ने सुरक्षा व्यवस्था में सेंध कैसे लगाई
मगर इस हफ़्ते जो हुआ उसने पूरी तस्वीर बदल दी। इज़राइल ने दोहा के मध्य में एक आवासीय इमारत पर बमबारी की, जहाँ उनके अनुसार, हमास के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। यह हमला ऐसे समय में हुआ जब क़तर हमास और अमेरिका के बीच युद्धविराम समझौते पर पहुँचने की कोशिश कर रहा था।
सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि यह सब उस शहर में हुआ जहाँ अमेरिकी रडार और मिसाइल रक्षा प्रणाली हमेशा अलर्ट पर रहती है। यानी, इज़राइली लड़ाकू विमानों ने न केवल लंबी दूरी तय की, बल्कि अमेरिकी व्यवस्था के बावजूद दोहा पर बम भी गिराए। अब क़तर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं: क्या अमेरिकी सुरक्षा गारंटी विश्वसनीय है? अगर क़तर, जिसके पास एक अमेरिकी अड्डा है, सुरक्षित नहीं है, तो दूसरे खाड़ी देश उस पर कैसे भरोसा करेंगे? ऐसा ही एक सवाल अब उठा है।