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मैनपुरी में बिछवां थाना क्षेत्र में काली नदी के किनारे स्थित आश्रम में संत अपनी खाट पर सो रहे थे। अचानक संत की नजर खाट के नीचे 12 फीट लंबे मगरमच्छ (crocodile) पर पड़ी, तो संत के पसीने छूट गए। सूचना पर गांव के लोग पहुंच गए, लेकिन मगरमच्छ पास की झाड़ियों में छिप गया। दहशत में आए संत और ग्रामीण रात भर सोए नहीं। वहीं आज सुबह मगरमच्छ झाड़ियों में दिखाई दिया, तो ग्रामीणों के पसीने छूट गए। इसके बाद गांव के लोगों ने थाना पुलिस व वन विभाग को सूचना दी। गांव पहुंची वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ लिया।

चारपाई के पास ही मगरमच्छ (crocodile) दिखाई दिया

जानकारी के मुताबिक, थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत जगतपुर के मजरा नगला उजीर निवासी बाबा योगेश्वरानंद गांव से थोड़ी दूर ही काली नदी के किनारे आश्रम बनाकर रह रहे हैं। संत ने बताया कि बीती रात 12 बजे के करीब वह पेशाब करने के लिए उठे तो उन्हें चारपाई के पास ही मगरमच्छ (crocodile) दिखाई दिया। मगरमच्छ देखते ही उनके पसीने छूट गए। उन्होंने पास में लेटे अन्य परिवारीजनों को जगाया।

शोर सुनकर मगरमच्छ (crocodile) पास ही में झाड़ियों में छिप गया। सुबह जब देखा तो मगरमच्छ वहीं झाड़ियों में छिपा बैठा था। मगरमच्छ होने की सूचना थाना पुलिस और वन विभाग को दी गयी। ग्रामीणों की भीड़ भी मौके पर जमा हो गई। सूचना मिलते ही थाने के एसआई दुष्यंत कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। कुछ ही देर बाद उप संभागीय वनाधिकारी वानेंद्र सिंह और रैंजर महेंद्र सिंह वन विभाग की टीम बहादुर सिंह, कमलेश तिवारी, बलवीर सिंह के साथ गांव में आ गए।

वन विभाग की टीम मगरमच्छ (crocodile) को काली नदी में ही छोड़ना चाहती थी, लेकिन ग्राम प्रधान प्रभात कुशवाहा व ग्रामीणों की राय थी कि उसे कहीं दूसरी जगह छोड़ा जाए। वन विभाग की टीम ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया तो आगरा से मगरमच्छ को पकड़ने के लिए टीम बुलाई गई। 3 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों की मदद से स्थानीय वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को पकड़ लिया।

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