लखनऊ । संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) दिल्ली में हुई अपनी बैठक में 11 से 17 अप्रैल तक एमएसपी गारंटी सप्ताह मनाने का फैसला किया है। इसके साथ ही लखीमपुर खीरी कांड में सरकार की भूमिका और किसानों के आंदोलन को दिए गए आश्वासनों के साथ विश्वासघात को लेकर 21 मार्च को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित गांधी पीस फाउंडेशन के एक बंद कमरे में हुई बैठक में ये दोनों फैसले लिए गए। बता दें कि, हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बड़ी जीत से किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल, किसान मोर्चा ने चुनावों में बीजेपी का कड़ा विरोध किया था, लेकिन चुनावी नतीजों में किसानों के विरोध का कोई खास असर देखने को नहीं मिला।
संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने केंद्र के विवादित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल लंबे आंदोलन का नेतृत्व किया था। उसने पिछले साल नौ दिसंबर को उस समय आंदोलन बंद कर दिया था, जब मोदी सरकार ने इन विवादित कानूनों को वापस ले लिया था और उनकी छह मांगों पर विचार करने पर राजी हो गई थी, जिनमें आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी देना और प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिजन को मुआवजा देना शामिल है।