दुर्घटना में जिंदा जले थे 22 पैसिंजर, जज ने बस चालक को सुनाई 190 वर्ष की सजा

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मध्य प्रदेश के जिले पन्ना में छय वर्ष पूर्व हुए बस दुर्घटना में 22 लोग जिंदा जल गए। अदालत ने बस चालक को अपराधी पाया। जज आरपी सोनकर ने बस चालक शमसुद्दीन (47 वर्ष) को 190 वर्ष कारावास की सजा सुनाई। चालक को प्रत्येक मामले में अलग-अलग दस-दस वर्ष की सजा सुनाई गई है।

तो वहीं अदालत ने बस मालिक ज्ञानेंद्र पांडेय को भी अपराधी पाया है। जज ने उन्हें 10 साल कैद की सजा भी सुनाई थी। ड्राइवर शम्सुद्दीन को आईपीसी की धारा 304 के पार्ट-2 के तहत मुजरिम पाया गया है. लंबी सुनवाई के बाद अब फैसला आया है. चालक और बस मालिक दोनों जनपद सतना के निवासी हैं।

4 मई 2015 को हुआ था हादसा

आपको बता दें कि, यह बस दुर्घटना 4 मई 2015 को मंडला में राष्ट्रीय राजमार्ग पर पांडव फॉल के समीप हुई थी। अनूप ट्रैवल्स की बस MP 19P 0533, बीस फीट नीचे गिरकर पलट गई थी। 32 सीटों वाली बस छतरपुर से लगभग 12 बजकर 40 मिनट पर रवाना हुई थी। 60 मिनट उपरांत बस जनपद पन्ना में पांडव फॉल के पास एक पुल पर पहुंची, जहां चालक ने काबू खो दिया। इसके बाद बस लगभग आठ फीट नीचे खाई में गिर गयी। खाई में गिरने के पश्चात उसमें आग लग गई और 22 पैसिंजर जिंदा जल गए थे।

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