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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली पुलिस की जांच में अब यह साफ़ हो गया है कि स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती फरारी के दौरान भी संस्थान की गतिविधियों पर नजर रख रहा था। पिछले 40 दिनों में वह 13 से ज्यादा होटल में रुका, जिनमें अधिकतर सस्ते और बिना सीसीटीवी वाले होटल शामिल थे।
छानबीन में पता चला कि ये होटल ज़्यादातर साधुओं की शरण में थे, ताकि पुलिस से बचा जा सके। अनुयायी ही उसके लिए होटल बुक करते थे और उसकी लोकेशन बदलते रहते थे।
दिल्ली से आगरा तक पीछा – कैसे हुई गिरफ्तारी?
62 वर्षीय चैतन्यानंद को आखिरकार आगरा के एक सस्ते होटल से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उसे 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
गिरफ्तारी से पहले वह लगातार घबराहट की बात कह रहा था और पुलिस से सहयोग नहीं कर रहा था। उसके तीन मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
8 करोड़ की संपत्ति, फर्जी कार्ड और ब्रिक्स का नाम
जांच में पुलिस को चौंकाने वाले दस्तावेज मिले हैं। चैतन्यानंद के पास संयुक्त राष्ट्र और ब्रिक्स से जुड़े फर्जी विजिटिंग कार्ड मिले।
पुलिस ने उससे जुड़े 8 करोड़ रुपये की बैंक डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट ज़ब्त कर लिए हैं। वह फर्जी नाम और दस्तावेजों से बैंक खाते चला रहा था और एफआईआर के बाद कई बार बड़ी रकम निकाली गई।
16 से ज्यादा लड़कियों ने किया खुलासा, बाथरूम में लगाए कैमरे!
एक निजी संस्थान की 17 छात्राओं ने चैतन्यानंद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस के मुताबिक, उसने छात्राओं को अपने क्वार्टर बुलाया, अनुचित संदेश भेजे और उनसे यौन संबंध बनाने का दबाव डाला।
इतना ही नहीं, संस्थान में लगे CCTV कैमरे कुछ बाथरूम तक में लगाए गए थे, ताकि लड़कियों पर नजर रखी जा सके।
अब तक 16-20 पीड़िताओं ने अपने बयान दर्ज करवा दिए हैं, जिनमें कई ने डराने-धमकाने की बात कही है।