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Ahmadi community: पाकिस्तान में रमजान के पवित्र महीने के दौरान भी अहमदिया समुदाय के विरुद्ध अत्याचार जारी हैं। हाल ही में जब इस समुदाय के लोग शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में एकत्रित हुए, तो पाकिस्तानी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। यह घटनाएं देश के दो अलग-अलग इलाकों में हुईं। कुल 45 लोगों को अरेस्ट किया गया।

पाकिस्तान के कानून की माने तो अहमदिया समुदाय के लोग खुद को मुस्लिम नहीं कह सकते और न ही उन्हें नमाज पढ़ने की अनुमति है। 1974 में पाकिस्तान की संसद ने अहमदिया समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया था और सन् 1984 में उनके लिए इस्लाम से जुड़ी किसी भी धार्मिक पहचान या गतिविधि पर बैन लगा दिया गया।

कौन होते हैं अहमदिया मुस्लिम

अहमदिया समुदाय के लोग खुद को मुस्लिम मानते हैं, मगर पाकिस्तान में 1974 में एक संवैधानिक संशोधन के जरिए उन्हें गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया गया। 1984 में जनरल जियाउल हक के शासनकाल में एक और कानून पारित किया गया, जिसके तहत अहमदियों को इस्लामी प्रतीकों और प्रथाओं को अपनाने से रोक दिया गया।

पाकिस्तानी कानून के तहत, अहमदिया समुदाय के लोग मस्जिदों पर मीनार या गुंबद नहीं बना सकते और न ही सार्वजनिक रूप से कुरान की आयतें लिख सकते हैं। उन्हें ऐसा कोई भी कार्य करने की अनुमति नहीं है जिससे उनकी पहचान मुसलमान के रूप में हो सके।