
हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सुरक्षा नीति और क्षेत्रीय रणनीति में बड़ा बदलाव ला दिया है। इस ऑपरेशन ने न सिर्फ भारत के दुश्मनों की पहचान उजागर की है, बल्कि इससे न्यूक्लियर ब्लैकमेल जैसी पुरानी रणनीति भी कमजोर हुई है। आइए जानते हैं कि इस ऑपरेशन के बाद उपमहाद्वीप में क्या-क्या बड़े बदलाव हुए हैं:
1. न्यूक्लियर ब्लैकमेल की रणनीति पर ब्रेक
पड़ोसी देश लंबे समय से परमाणु हमले की धमकी देकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश करते रहे हैं। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब यह रणनीति काम नहीं आएगी। भारत ने कूटनीतिक और सैन्य दोनों मोर्चों पर ताकत दिखाकर विरोधियों को जवाब दिया।
2. दुश्मनों की पहचान अब साफ
इस ऑपरेशन के दौरान कई ऐसे चेहरे बेनकाब हुए जो भारत के अंदर बैठकर देशविरोधी ताकतों के समर्थन में काम कर रहे थे। इससे सुरक्षा एजेंसियों को सटीक कार्रवाई करने का आधार मिला है।
3. रणनीतिक आत्मनिर्भरता में इज़ाफा
भारत ने इस ऑपरेशन में अपनी खुद की रक्षा तकनीक, सैटेलाइट सर्विलांस और साइबर इंटेलिजेंस का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया। इससे यह साबित हो गया कि भारत अब तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर होता जा रहा है।
4. क्षेत्रीय सहयोग में बढ़ोतरी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई दक्षिण एशियाई देशों ने भारत के साथ सहयोग की इच्छा जताई है। इससे भारत की क्षेत्रीय स्थिति और मज़बूत हुई है।
5. सुरक्षा नीति में नई दिशा
अब भारत की सुरक्षा नीति और ज्यादा आक्रामक और सक्रिय हो गई है। भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि जरूरत पड़ने पर पहले भी कार्रवाई कर सकता है।
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