
Up Kiran, Digital Desk: ओडिशा में एक बार फिर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। एक कॉलेज छात्रा की दुखद मौत के मामले में न्याय की मांग को लेकर राज्य की आठ विपक्षी पार्टियों ने आगामी 17 जुलाई को 'ओडिशा बंद' का आह्वान किया है। यह बंद विशेष रूप से बालासोर जिले की घटना के विरोध में बुलाया गया है, जहां कथित यौन उत्पीड़न से परेशान एक छात्रा ने आत्मदाह कर लिया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
विपक्षी दलों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन और पुलिस ने छात्रा की शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण उसे इतना भयावह कदम उठाना पड़ा। उनकी मुख्य मांगें हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और उन अधिकारियों को भी जवाबदेह ठहराया जाए जिन्होंने लापरवाही बरती।
इस घटना से पूरे राज्य में आक्रोश का माहौल है, और लोग न्याय के लिए सड़कों पर उतरने को तैयार हैं। विपक्षी पार्टियों - जिसमें कांग्रेस, बीजेपी, और अन्य क्षेत्रीय दल शामिल हैं - ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि यह बंद छात्रा को न्याय दिलाने और ऐसे मामलों में अधिकारियों की निष्क्रियता के खिलाफ एक शक्तिशाली विरोध प्रदर्शन होगा।
यह बंद राज्यव्यापी होगा, जिसका मतलब है कि 17 जुलाई को परिवहन, दुकानें और सरकारी दफ्तर प्रभावित हो सकते हैं। विपक्षी दलों ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे इस बंद को सफल बनाएं और छात्रा को न्याय दिलाने की इस लड़ाई में उनका साथ दें।
इस बंद के आह्वान से राज्य सरकार पर दबाव काफी बढ़ गया है। सरकार को अब न केवल इस संवेदनशील मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करनी होगी, बल्कि यह भी दिखाना होगा कि वह नागरिकों, खासकर छात्राओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसे मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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