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मंगोलिया के एक 8 वर्षीय बच्चे ने चीन के होश उड़ा दिए है। ये बच्चा चीन के लिए इतना जरुरी है कि चीन इसे किसी भी हाल में अपने कब्जे में लेना चाहता है। जो बात इस बच्चे को खास बनाती है वह ये है कि इस बच्चे को तिब्बती बौद्ध धर्म के तीसरे सबसे महान भिक्षु, 10वें खलखा जेटसन धंपा रिनपोछे का पुनर्जन्म कहा जाता है।

बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने खुद इस बच्चे को ये दर्जा दिया है। लड़के का नाम ए अल्तान्नार है। ये बच्चा अब दलाई लामा और पंचेन लामा के बाद बौद्ध धर्म का तीसरा सबसे बड़ा पुजारी बन गया है।

अहम बात यह है कि बौद्ध धर्म में भिक्षुओं के पुनर्जन्म का खास महत्व है। वहीं, हिमाचल प्रदेश में ए अल्तन्नार को तिब्बती पुजारी के रूप में मान्यता देने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इससे चीन की और भी थू थू हो गई है।

जरुरी बात ये है कि 87 वर्षीय दलाई लामा हिमाचल प्रदेश में ही निर्वासन में हैं। यही नहीं, तिब्बत की निर्वासित सरकार भी यहीं से कार्य करती है।

चीन सरकार ने जारी किए निर्देश

चीन सरकार ने सन् 2007 में एक निर्देश जारी किया था। इसमें बौद्ध लामाओं को चुनने का हक सिर्फ कम्युनिस्ट पार्टी को है। कहा गया कि चीन से बाहर कोई भी शख्य या समूह ऐसा नहीं कर सकता। इससे मंगोलिया के लोगों को डर है कि दलाई लामा के इस फैसले से खफा चीन उनके देश के विरूद्ध सख्त कार्रवाई कर सकता है।

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