
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। इसरो ने क्रू एस्केप सिस्टम (CES) के एक अहम इंजन को सफलतापूर्वक विकसित और परीक्षण कर लिया है, जो लॉन्च के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह उपलब्धि भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन, गगनयान, के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्रू एस्केप सिस्टम (CES) एक आपातकालीन प्रणाली है जिसे विशेष रूप से अंतरिक्ष यात्रियों को लॉन्च वाहन में किसी भी विफलता की स्थिति में रॉकेट से सुरक्षित रूप से दूर ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका सफल विकास और परीक्षण भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में सुरक्षा और विश्वसनीयता के मामले में एक प्रमुख कदम है।
इसरो ने विशेष रूप से CE20 क्रायोजेनिक इंजन के सभी आवश्यक स्वीकृति परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। यह इंजन गगनयान मिशन के लिए उपयोग होने वाले मानवरहित लॉन्च वाहन (Human-Rated LVM3 - HRLVM3) का एक महत्वपूर्ण घटक है। इन परीक्षणों की सफलता मानव-रेटेड लॉन्च वाहन की विश्वसनीयता और सुरक्षा को और बढ़ाएगी, जो अंतरिक्ष में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए आवश्यक है।
गगनयान मिशन का लक्ष्य भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा (Low Earth Orbit - LEO) में भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इस मिशन में एक ऑर्बिटल मॉड्यूल, एक सर्विस मॉड्यूल और एक क्रू मॉड्यूल शामिल होगा, जिसे मानव-रेटेड लॉन्च वाहन द्वारा अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा।
इसरो अब इन महत्वपूर्ण घटकों को लॉन्च वाहन में एकीकृत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा। गगनयान मिशन को 2025 में मानव उड़ान के साथ लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। यह उपलब्धि भारत को अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद करेगी और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेगी, जिससे देश वैश्विक अंतरिक्ष दौड़ में अग्रणी भूमिका निभा सके।
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