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बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक अनोखी और भावनात्मक कांवड़ यात्रा सामने आई है, जिसने लोगों के दिल को छू लिया है। यहां के रहने वाले विशाल भारद्वाज ने इस बार भगवान शिव के साथ-साथ एक और भगवान को अपनी कांवड़ में स्थान दिया है – एक डॉक्टर को, जिन्होंने उनकी बेटी की जान बचाई थी।
विशाल की बेटी कुछ समय पहले एक गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। जब परिवार ने उम्मीदें खो दी थीं, तब डॉक्टर दीपक नाम के एक विशेषज्ञ ने उसका इलाज कर उसे नया जीवन दिया। बेटी की हालत में चमत्कारी सुधार देखकर विशाल ने डॉक्टर को भगवान का रूप मान लिया।
इसी भाव से प्रेरित होकर विशाल ने इस वर्ष की कांवड़ यात्रा को एक नई पहचान दी है। वे हरिद्वार से गंगाजल भरकर डॉक्टर दीपक की तस्वीर वाली कांवड़ लेकर बागपत लौट रहे हैं। इस तस्वीर को उन्होंने सावधानीपूर्वक सजाया है और पूरे सम्मान के साथ यात्रा में शामिल किया है।
विशाल का कहना है, "जिसने मेरी बेटी को मौत के मुंह से निकाला, वो मेरे लिए भगवान से कम नहीं। मैं इस कांवड़ यात्रा के जरिए उनका धन्यवाद कर रहा हूं।"
इस अनोखी श्रद्धा ने राह चलते लोगों का ध्यान भी खींचा। कई श्रद्धालुओं ने विशाल की भावनाओं की सराहना की और इसे मानवता और आस्था का सच्चा संगम बताया।
इस तरह की घटनाएं यह दिखाती हैं कि भगवान सिर्फ मंदिरों में नहीं, बल्कि हमारे बीच भी होते हैं – कभी डॉक्टर, कभी शिक्षक, तो कभी एक मददगार इंसान के रूप में।
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