
Up Kiran, Digital Desk: हिसार का 8 महीने का मासूम युवांश दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी से पीड़ित है। ये बीमारी स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी टाइप-1 यानी एसएमए है। इसके इलाज के लिए करीब 14 करोड़ रुपये का टीका लगाया जाता है। ये टीका स्विट्जरलैंड के जिनेवा से भी उपलब्ध है। हिसार की आदमपुर तहसील के गांव जाखोद खेड़ा निवासी युवांश के पिता राजेश फतेहाबाद में साइबर ब्रांच में पुलिस कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। राजेश की आंखों में बेटे की बेबसी साफ देखी जा सकती है। उन्होंने सरकार से मदद मांगी है। साथ ही पुलिस विभाग उनके साथी कर्मचारी के बेटे के इलाज में भी मदद कर रहा है।
CM सैनी से मदद की गुहार
कैथल की एसपी आस्था मोदी ने पत्र जारी कर पुलिसकर्मियों से मदद मांगी है। इसके अलावा हिसार के आदमपुर से कांग्रेस विधायक चंद्रप्रकाश ने भी CM नायब सैनी को पत्र लिखकर सरकारी मदद मांगी है। युवांश के पिता राजेश ने बताया कि शनिवार तक 45 लाख रुपये एकत्र हो चुके हैं। हरियाणा पुलिस के जवान एक दिन का वेतन दान करेंगे
राजेश अपने बेटे के इलाज के लिए हर दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। बेटे की जान बचाने के लिए हरियाणा पुलिस के जवानों ने एक दिन का वेतन दान करने का फैसला किया है। पिता ने बताया कि 15 जिलों के एसपी ने एक दिन का वेतन दान करने के लिए पत्र जारी किया है।
युवांश का जन्म पिछले साल 9 अक्टूबर को हुआ था
राजेश ने बताया कि उनकी शादी 23 अप्रैल 2023 को हिसार जिले के बरवाला क्षेत्र के संदलाना गांव की किरण से हुई थी। 9 अक्टूबर 2024 को बेटे का जन्म हुआ, जिसका नाम युवंश रखा गया। जब युवंश दो महीने का था, तब वह सामान्य बच्चों जैसी हरकतें नहीं कर रहा था। उसे हिसार के एक हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखाया। पहले डॉक्टर ने कहा कि सब ठीक है, विकास में थोड़ी देरी होगी।
2-3 महीने में बीमारी का पता चला
राजेश ने बताया कि दो-तीन महीने बाद उनके बेटे के सीने में आवाजें आने लगीं। इसके बाद हिसार के दूसरे डॉक्टर को दिखाया, एक महीने में कुछ सुधार हुआ। एक सप्ताह तक अस्पताल में भी भर्ती रहे। आगे चलकर सुधार हुआ। मगर जब दोबारा डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने टॉप सेंटर पीजीआई या एम्स में दिखाने की सलाह दी।
राजेश ने बताया कि इसके बाद मई माह में जब उन्हें हिसार के दूसरे निजी अस्पताल में दिखाया तो डॉक्टर ने एसएमए की जांच कराई। 18 मई को आई जांच रिपोर्ट में स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी टाइप-1 बीमारी सामने आई। डॉक्टर ने चंडीगढ़ पीजीआई या एम्स में इलाज शुरू करने की सलाह दी।
14 करोड़ रुपये खर्च होंगे टीके
डॉक्टरों का मानना है कि करीब 14 करोड़ रुपये कीमत का यह टीका 2 साल की उम्र तक लगना चाहिए। बीमारी हर दिन बढ़ती जाती है। इसलिए तुरंत टीका लगवाना जरूरी है। टीका लगने के बाद दो से तीन महीने तक इलाज चलता रहेगा।
बच्चे को बचाने के लिए पीएम से की अपील
राजेश ने मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, CM नायब सैनी, अभिनेता सलमान खान, टाटा फाउंडेशन को भी ट्वीट किया है। उन्होंने अभिनेता सोनू सूद, परिवहन मंत्री अनिल विज, सांसद नवीन जिंदल, उद्योगपति गौतम अडानी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी मदद की गुहार लगाई है। इसके अलावा राजेश ने मांग की है कि सरकार इस जेनेटिक टेस्ट को अनिवार्य बनाए, ताकि समय रहते इसका पता चल सके। अगर बच्चे के गर्भ में पल रहे बच्चे में इसका पता चल जाए तो इलाज आसान हो जाता है। सरकार को सरकारी स्तर पर मुफ्त टीकाकरण की भी व्यवस्था करनी चाहिए।
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