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Up Kiran, Digital Desk: भारत में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जारी चुप्पी और कलंक को खत्म करने की दिशा में आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट (ABET) ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है. अपने प्रमुख मेंटल हेल्थ प्रोग्राम 'एमपावर' (Mpower) के जरिए, ट्रस्ट ने देशभर में 38 लाख से ज्यादा लोगों तक अपनी पहुंच बनाई है और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक सकारात्मक बातचीत को बढ़ावा दिया है.

यह पहल न केवल मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैला रही है, बल्कि स्कूलों और समुदायों में सीधे तौर पर मदद भी पहुंचा रही है. ट्रस्ट की संस्थापक और चेयरपर्सन, डॉ. नीरजा बिड़ला के नेतृत्व में यह अभियान एक बड़े सामाजिक आंदोलन का रूप ले चुका है.

स्कूलों और बच्चों पर विशेष ध्यान: इस कार्यक्रम का एक बड़ा फोकस युवा पीढ़ी, खासकर स्कूली बच्चों पर है. बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के साथ एक बड़ी साझेदारी के तहत, 'एमपावर' ने मुंबई के 1,180 से अधिक स्कूलों में मेंटल हेल्थ करिकुलम लागू किया है. इस कार्यक्रम के तहत:

26 लाख से ज्यादा छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित किया गया है.

30,000 से ज्यादा शिक्षकों को छात्रों की मानसिक सेहत को समझने और उनकी मदद करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है.

आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट की ट्रस्टी, श्रीमती राजश्री बिड़ला ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, "जिस तरह हम अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, उसी तरह मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है. 'एमपावर' इसी विचार को बढ़ावा दे रहा है और मुझे इस पर बहुत गर्व है."

हर व्यक्ति को मदद पाने का अधिकार है" - डॉ. नीरजा बिड़ला

डॉ. नीरजा बिड़ला ने कहा, “हमारा लक्ष्य एक ऐसा माहौल बनाना है जहां मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात हो सके और किसी को भी मदद मांगने में शर्म महसूस न हो. 38 लाख लोगों तक पहुंचना एक बड़ा मील का पत्थर है, लेकिन हमारा सफर अभी जारी है. हर व्यक्ति को समय पर मानसिक स्वास्थ्य सहायता पाने का अधिकार है, और हम इसे संभव बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”