Up Kiran, Digital Desk: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक बार फिर स्टॉक मार्केट में भ्रामक सूचनाओं के जरिए निवेशकों को गुमराह करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इस बार मामला जुड़ा है यूट्यूब चैनलों से, जहां शेयर खरीदने की 'हाई रिटर्न' वाली सलाहें देकर निवेशकों को फंसाया गया।
मनीष मिश्रा, विवेक चौहान और अंकुर शर्मा—इन तीन लोगों को सेबी ने बुधवार को पांच साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही मिश्रा पर ₹50 लाख और अन्य दो पर ₹10-10 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
यूट्यूब चैनल से शुरू हुआ खेल: 'मिडकैप कॉल्स' और 'प्रॉफिट यात्रा' के जरिए फैलाई गई भ्रामक जानकारी
मनीष मिश्रा को सेबी ने दो यूट्यूब चैनलों—'Midcap Calls' और 'Profit Yatra' का ऑपरेटर बताया है। सेबी की जांच में सामने आया कि मिश्रा ने इन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अटलांटा लिमिटेड जैसे स्टॉक्स को लेकर भ्रामक और अतिरंजित वीडियो अपलोड किए, जिनमें निवेशकों को तेज़ मुनाफा मिलने का दावा किया गया था।
इन वीडियो के चलते निवेशकों ने भारी मात्रा में स्टॉक्स खरीदे और इसी दौरान मिश्रा और शर्मा ने अपनी होल्डिंग बेचकर अवैध मुनाफा कमाया।
कितनी कमाई की गई? मिश्रा और शर्मा ने मिलाए करोड़ों के पंख
सेबी ने जांच में पाया कि:
मनीष मिश्रा ने इस योजना से ₹4.37 लाख का अवैध लाभ कमाया
अंकुर शर्मा ने ₹6.01 लाख का लाभ उठाया
विवेक चौहान ने खुद कोई ट्रेड नहीं किया, लेकिन योजना में सक्रिय रूप से शामिल रहे
दोनों को अब इन 10.38 लाख रुपये की राशि को निवेशक सुरक्षा और शिक्षा कोष (IPEF) में जमा करने का निर्देश दिया गया है।
बार-बार डिफॉल्टर रहे हैं मिश्रा और चौहान: पहले भी पड़ चुके हैं सेबी के रडार पर
सेबी ने स्पष्ट किया कि मनीष मिश्रा और विवेक चौहान पहले भी साधना ब्रॉडकास्ट, शार्पलाइन ब्रॉडकास्ट, और प्रेशर सेंसिटिव सिस्टम्स (इंडिया) लिमिटेड जैसे मामलों में भ्रामक गतिविधियों के लिए जांच के दायरे में आ चुके हैं।
सेबी के मुताबिक,
“इन व्यक्तियों ने बार-बार स्टॉक मार्केट की निष्पक्षता और व्यापार के नैतिक सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। यह मामला कोई पहली बार नहीं है, बल्कि यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी है।”
आदेश का असर: अब 5 साल तक नहीं कर सकेंगे कोई भी ट्रेड या इन्वेस्टमेंट
सेबी के इस आदेश के अनुसार, इन तीनों पर प्रतिभूतियों में किसी भी प्रकार का व्यापार करने, म्यूचुअल फंड में निवेश, या कोई भी सेक्योरिटीज डीलिंग करने पर पांच वर्षों तक पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
यह प्रतिबंध सीधे तौर पर निवेशकों की सुरक्षा और बाजार की पारदर्शिता के लिए है ताकि यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करके आम निवेशकों को धोखा न दिया जा सके।
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