
Russia Ukraine Crisis: बीते तीन साल से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में अब कुछ सकारात्मक संकेत मिलते दिख रहे हैं। तो वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से दोनों देशों ने वार्ता के लिए सहमति व्यक्त की है। ये संभावना जताई जा रही है कि ये युद्ध अब खत्म होने की ओर बढ़ सकता है, लेकिन इससे जुड़ी एक रिपोर्ट ने यूरोप में खलबली मचा दी है।
जर्मनी की खुफिया एजेंसी बीएनडी के खुलासे ने एक नई चेतावनी दी है कि रूस की नजर यूक्रेन के अलावा अन्य पश्चिमी देशों पर भी हो सकती है और उसकी सैन्य योजनाएं आगामी वर्षों में गंभीर रूप ले सकती हैं।
एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की सैन्य नीति केवल यूक्रेन तक सीमित नहीं है, बल्कि वो अपने साम्राज्यवादी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बड़ी सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। रूस का मकसद अपने सैन्य सामर्थ्य को अगले पांच वर्षों में इतना मजबूत करना है कि वह किसी भी बड़े युद्ध में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार हो सके। ये रिपोर्ट उन देशों के लिए चिंता का कारण बन गई है जो नाटो का हिस्सा हैं, क्योंकि रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि रूस अपनी ताकत को अगले दशक तक बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
इस समय रूस की लगभग तीन-चौथाई सेना यूक्रेन में व्यस्त है, तो वहीं पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए कठोर प्रतिबंधों का कोई खास असर नहीं हुआ है। पुतिन और उनके सैन्य नेतृत्व ने प्रतिबंधों के बावजूद अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा किया है। रूस की सेना फिलहाल काफी मजबूत स्थिति में है और यह संकेत दे रही है कि वह जल्द ही किसी अन्य सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार हो सकता है।
रूस की सैन्य योजनाएं और साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाएं अब केवल यूक्रेन तक सीमित नहीं रही हैं। बीएनडी की रिपोर्ट से ये स्पष्ट हो गया है कि रूस नाटो देशों के विरुद्ध भी सैन्य कार्रवाइयों के लिए तैयार है और आने वाले सालों में वों अपनी सैन्य ताकत को और बढ़ाने की कोशिश करेगा।
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