लखनऊ। आज शुक्रवार को वर्ष का सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होगी। आज के दिन सूर्य की किरणें अपने समय से एक घंटा ज्यादा देर तक धरती पर रहती है। अर्थात सूर्य की किरणें 12 घंटे के मुकाबले धरती पर लगभग 15 से 16 घंटे तक रहती हैं। क्या आपको पता है ऐसा क्यो होता है ? इसके पीछे खगोलीय कारण है।
खगोल विज्ञान के अनुसार 21 जून को सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध से चलकर कर्क रेखा में आ जाता है। बताते चलें कि कर्क रेखा भारत के मध्य से गुजरती है। ऐसी स्थिति में सूर्य की किरणें ज्यादा समय तक धरती पर पड़ती हैं। इसलिए 21 जून को सबसे दिन और सबसे छोटी रात होती है। पृथ्वी की यह सामान्य प्रक्रिया पृथ्वी के सूर्य का चक्कर लगाने और अपने अक्ष पर घूमने के कारन होता है।
उल्लेखनीय है कि पृथ्वी अपने अक्ष में 23.5 डिग्री झुकी है। इसलिए सूरज की रोशनी पृथ्वी पर हमेशा एक जैसी नहीं पड़ती और दिन रात की अवधि में अंतर आता है। इसी वजह से मौसम परिवर्तन भी होता है। सनातन परंपरा में इस दिन का ख़ास महत्व होता है, क्योंकि इस दिन संक्रांति भी बदलती है। इसे ग्रीष्म संक्रांति कहा जाता है।
खगोल शास्त्रियों के अनुसार 21 जून को दोपहर के समय सूर्य सबसे ज्यादा ऊंचाई पर रहता है। इसी तरह 21 सितंबर और 23 मार्च को दिन व रात की अवधि बराबर होती है। इस प्रकार 23 दिसंबर को रात साल की सबसे लंबी और दिन सबसे छोटा होता है। पृथ्वी अपने अक्ष के चारों ओर घूमती है, जिससे एक दिन के चक्कर के दौरान दिन और रात की स्थिति बनती हैं। बताते चलें कि पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर पूरा लगाने में 365 दिन लगता है।
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