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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा कुछ देखना भारतीय फैंस के लिए बेहद निराशाजनक रहा है। ओवल में खेले जा रहे रोमांचक टेस्ट के पहले ही दिन, भारतीय टीम ने पहली पारी में घुटने टेक दिए और सिर्फ 224 रनों पर ऑलआउट हो गई। करुण नायर के जुझारू 57 रनों को छोड़ दें, तो बाकी कोई भी भारतीय बल्लेबाज पिच पर टिक नहीं पाया, जिससे टीम की बल्लेबाजी को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस करारी हार ने भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या टीम इस बड़े दबाव से उबर पाएगी। 

इंग्लैंड के गेंदबाजों ने पहले दिन भारतीय बल्लेबाजों को पूरी तरह से बैकफुट पर धकेल दिया। युवा तेज गेंदबाज एटकिंसन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 महत्वपूर्ण विकेट चटकाए और भारतीय बल्लेबाजों के लिए मुसीबत बन गए। जोश टोंग ने भी अपनी धारदार गेंदबाजी से 3 विकेट हासिल किए, जबकि वोक्स ने 1 विकेट लिया। इंग्लिश गेंदबाजों की सटीक लाइन-लेंथ और स्विंग के आगे भारतीय बल्लेबाज पूरी तरह बेबस नजर आए। 

दूसरे दिन की सुबह का भयावह 'काला' अध्याय! भारतीय टीम ताश के पत्तों की तरह ढह गई...
दूसरे दिन के खेल की शुरुआत भारत के लिए और भी निराशाजनक रही। टीम इंडिया ने 204/6 के स्कोर के साथ अपनी पारी आगे बढ़ाई, लेकिन मैदान पर कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। केवल 30 मिनट के भीतर, टीम ने अपने आखिरी 4 विकेट महज 20 रन जोड़कर गंवा दिए और पूरी टीम 224 रनों पर ढेर हो गई। यह पतन इतना नाटकीय था कि भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए इसे भूल पाना मुश्किल होगा।

जोश टोंग की एक बेहतरीन इनस्विंग गेंद ने करुण नायर (57 रन) की संघर्षपूर्ण पारी का अंत किया। यह गेंद इतनी लाजवाब थी कि नायर भी उसे समझ नहीं पाए। इसके बाद एटकिंसन ने तो भारतीय लोअर ऑर्डर को पलक झपकते ही पवेलियन भेज दिया। उन्होंने वाशिंगटन सुंदर (26), मोहम्मद सिराज (0) और प्रसिद्ध कृष्णा (0) को पवेलियन भेजकर भारतीय पारी को समेट दिया। यह भारतीय बल्लेबाजी के निचले क्रम की कमजोरी को साफ दर्शाता है। 

मैच में आखिर हुआ क्या था? जानें कैसे भारतीय टीम ने खो दिया अपना रास्ता!
टॉस हारने के बाद, पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के लिए शुरुआत अच्छी नहीं रही। पहले सत्र में, लंच तक टीम ने 72/2 रन बनाए थे। लेकिन युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और कप्तान राहुल ( जल्दी ही पवेलियन लौट गए। इसके बाद शुभमन गिलभी रन आउट होकर पवेलियन चलते बने, जिससे स्कोर 83/3 हो गया। साईं सुदर्शन ने 38 रन बनाए लेकिन वह भी बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे। रवींद्र जडेजा (9) और ध्रुव जुरेल (19) जैसे खिलाड़ी भी टीम के लिए कुछ खास योगदान नहीं दे सके।

भारतीय पारी में एकमात्र अच्छी साझेदारी वाशिंगटन सुंदर और करुण नायर के बीच हुई, जिन्होंने 65 रन जोड़े। इस साझेदारी की बदौलत ही भारत 200 के आंकड़े को पार कर सका, वरना टीम इससे भी कम स्कोर पर सिमट सकती थी। यह दर्शाता है कि टीम के शीर्ष क्रम और मध्य क्रम ने कैसा प्रदर्शन किया। अब भारत के सामने वापसी करने की एक बड़ी चुनौती है।