img

Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में गंगा-जमुनी तहज़ीब और सांप्रदायिक सौहार्द की एक बड़ी मिसाल कायम हुई है। रेड रोड (इंदिरा गांधी सरणी) पर वार्षिक ईद-उल-अज़हा (बकरीद) की सामूहिक नमाज के आयोजन को आखिरकार सेना ने हरी झंडी दे दी है। यह फैसला तब आया जब सेना ने एक दिन पहले ही अनुमति रद्द कर दी थी जिससे मुस्लिम कौम के बीच चिंता और संभावित कानूनी चुनौती की अटकलें लगने लगी थीं। हालांकि बातचीत और आपसी समझ के जरिए इस संवेदनशील मुद्दे को सुलझा लिया गया है।

सेना ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में किया बदलाव

प्रकरण के बारे में सोमवार को जानकारी देते हुए बताया गया कि सेना के अधिकारियों ने इस हफ्ते के अंत में ईद-उल-अज़हा की नमाज के लिए रेड रोड पर अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। यह कदम दशकों पुरानी परंपरा और शहर के सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है। पश्चिम बंगाल के मंत्री जावेद अहमद खान ने पुष्टि की कि हालांकि सेना की अपनी व्यस्तताओं के कारण अनुमति को लेकर कुछ समस्या थी मगर आयोजकों और रक्षा अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श के जरिए मामले को सफलतापूर्वक सुलझा लिया गया है।

रेड रोड: सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक

कोलकाता का रेड रोड दशकों से ईद-उल-अज़हा की सामूहिक नमाज का मुख्य केंद्र रहा है। यह स्थान न केवल एक धार्मिक सभा का गवाह बनता है बल्कि इसे राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे का एक शक्तिशाली प्रतीक भी माना जाता है। हर साल सीएम ममता बनर्जी स्वयं इस नमाज के दौरान मौजूद रहती हैं जो इस आयोजन के महत्व को और बढ़ा देता है। पश्चिम बंगाल में ये एकमात्र ऐसा स्थान है जहां सबसे ज्यादा लोग एक साथ सामूहिक नमाज पढ़ते हैं जिससे ये आयोजन और भी खास हो जाता है।

क्या था विवाद

अनुमति रद्द होने की खबर ने कुछ दिनों पहले शहर में चिंता का माहौल पैदा कर दिया था। सूत्रों के अनुसार सेना ने अपने कुछ प्रशिक्षण कार्यक्रमों के कारण शुरुआती तौर पर अनुमति देने से इनकार कर दिया था। ऐसी अटकलें थीं कि मुस्लिम समाज इस मुद्दे को लेकर कानूनी लड़ाई के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है।

यह भी उल्लेखनीय है कि रेड रोड पर नमाज की अनुमति से कुछ महीने पहले कुछ हिंदूवादी संगठनों ने भी इसी स्थान पर एक कार्यक्रम के लिए इजाजत मांगी थी। हालांकि उस समय सेना और कोर्ट दोनों ने ही इजाजत देने से इनकार कर दिया था। इस पृष्ठभूमि में ईद की नमाज के लिए अनुमति का मुद्दा और भी संवेदनशील बन गया था।

रक्षा संपत्ति पर धार्मिक आयोजन

रेड रोड जो कोलकाता शहर के ठीक बीचो-बीच मैदान क्षेत्र से होकर गुजरती है एक महत्वपूर्ण रक्षा संपत्ति है और पूर्वी कमान मुख्यालय फोर्ट विलियम के बगल में स्थित है। इस सामरिक महत्व के स्थान पर इतने बड़े धार्मिक आयोजन की अनुमति देना सेना के लिए एक जटिल निर्णय रहा होगा। हालांकि सदियों पुरानी परंपरा और पश्चिम बंगाल की गंगा-जमुनी तहज़ीब को देखते हुए सेना ने सद्भाव और समझदारी का परिचय देते हुए अपने कार्यक्रम में बदलाव किया।

--Advertisement--